मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए अमृत से कम नहीं शंखपुष्‍पी

 

आयुर्वेदिक दवाओं में व्‍यापक रूप से शंखपुष्‍पी का उपयोग किया जाता है। इस जड़ी-बूटी को दिमाग तेज करने का टॉनिक भी कहा जाता है। ये मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए अमृत का काम करती है। शंखपुष्‍पी को वैष्‍णव, विष्‍णुकांता और विष्‍णुगंधी जैसे कई नामों से जाना जाता है।
इस जड़ी-बूटी का स्‍वाद कड़वा होता है और ये स्निग्‍ध (तैलीय) और पिछिल (पतला) गुण रखती है। शंखपुष्‍पी की तासीर ठंडी होती है एवं इससे त्रिदोष यानी वात, पित्त और कफ को संतुलित किया जा सकता है। वात और पित्त दोष पर ये ज्‍यादा काम करती है।
आइए जानते हैं शंखपुष्‍पी से स्‍वास्‍थ्‍य को क्‍या लाभ मिलते हैं?

मस्तिष्‍क के लिए टॉनिक
इस जड़ी-बूटी को दिमाग और याद्दाश्‍त तेज करने वाला टॉनिक भी कहा जा सकता है। ये बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने का काम करती है। ये जड़ी-बूटी बढ़ती उम्र में याद्दाश्‍त कमजोर होने से भी रोकती है और इसे चिंता एवं डिप्रेशन को कम करने में भी असरकारी पाया गया है। इससे अल्‍जाइमर, तनाव, चिंता, डिप्रेशन और मानसिक तनाव जैसी कई समस्‍याओं का इलाज किया जा सकता है।

हाइपरटेंशन यानी हाई बीपी का इलाज
शंखपुष्‍पी से ठीक होने वाली बीमारियों में हाइपरटेंशन का नाम भी शामिल है। ये जड़ी-बूटी ब्‍लड प्रेशर बढ़ाने वाले हार्मोन जैसे कि एड्रेनलाइन और कोर्टिसोल को नियंत्रित कर स्‍ट्रेस हार्मोन के उत्‍पादन को कंट्रोल करने में असरकारी पाई गई है।

हाइपरथायराइड
अध्‍ययनों की मानें तो शंखपुष्‍पी में थायराइड-रोधी गुण होते हैं। इस बूटी की जड़ को हाइपरथायराइड पर प्रभावशाली पाया गया है। इसके पौधे का रस स्‍ट्रेस की स्थितियों में थायराइड हार्मोन के उत्‍पादन को कम कर के थायराइड ग्रंथि को ठीक तरह से काम करने में मदद करता है। ये जड़ी-बूटी लिवर द्वारा उत्‍पादित कुछ एंजाइम्‍स पर तेज असर करती है जिससे हायपरथायराइड के लक्षणों में सुधार आने में मदद मिलती है।

पाचन में सुधार
शंखपुष्‍पी शरीर में पाचन प्रक्रिया को दुरुस्‍त करने में भी मदद करती है। इसके पौधे के हर हिस्‍से से निकला रस शरीर में फ्लूइड को जमने से रोकता है और पाचन में मदद करता है। ये पेट से जुड़ी परेशानियों खासतौर पर पेचिस के इलाज में इस्‍तेमाल की जाती है।

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