मानव अधिकार हनन के प्रकरणों में आयोग ने लिया संज्ञान

भोपाल
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने अंध विश्वास के चलते एक नवजात की हुई मौत की  मामले सहित करीब आधा दर्जन मामलों में जवाब-तलब किया है। आयोग की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार आयोग ने खंडवा जिले के खालवा में अंधविश्वास के चलते एक नवजात की मौत हो जाने के मामले में पुलिस अधीक्षक पूछा है कि क्या नवजात की मृत्यु के संबंध में कोई अपराध पंजीबद्ध किया गया है। ऐसे अमानवीय कृत्य से नवजात की मृत्युकारित करने वाली उसकी मां के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है। खालवा में हाथ व पैरों में छह-छह अगुलियां लेकर जन्मी एक बेटी को उसकी मां ने ही अशुभ मानते हुए बच्ची के हाथ पैरों से हंसिये से एक-एक अंगुली काट दी। इससे इन्फेक्शन फैलने से नवजात बच्ची ने 6 घंटे में ही दम तोड़ दिया। वहीं छतरपुर जिले के जिला अस्पताल में महिला डाक्टर के नियमित रूप से न बैठने के कारण महिला मरीजों को हो रही अत्यंत कठिनाई को संज्ञान में लेकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्य अधिकारी से एक माह में प्रतिवेदन मांगा है।

आयोग ने सी.एम.एच.ओ. से पूछा है कि जिला चिकित्सालय में वैकल्पिक/आकस्मिक व्यवस्था किये बिना ही चिकित्सकों की छुटटी क्यों स्वीकृत की जाती है। इसके अलावा भोपाल शहर के भेल इलाके के अवधपुरी के ऋषिपुरम फेस एक में 80 फीट सड़क के बीचोंबीच बिजली का एक खम्भा गड़ा होने के कारण सदैव ही हादसे का डर बना रहने तथा शिकायतें करने के बावजूद भी जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही न किये जाने की कठिनाई पर महाप्रबंधक, मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड भोपाल से जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन एक माह में मांगा है। 

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