‘मां ने कहा था कि वह मेरे लिए रसमलाई लेकर आएगी’

 दिल्ली 
वेस्ट दिल्ली के ख्याला में बुधवार को हुए कत्लेआम की चीख अब भी लोगों के कानों में गूंज रही है। उन्हें अब भी यकीन नहीं हो रहा कि एक हंसता-खेलता परिवार एक झटके में बर्बाद हो गया। शुक्रवार को परिवार के तीसरे सदस्य आकाश ने भी दम तोड़ दिया। उनके माता-पिता की जान पहले ही जा चुकी है।  

मां-पिता और भाई की मौत के बाद परिवार में 6 साल की खुशी और 10 साल के अमन बचे हैं। बड़ी बेटी खुशबू शादीशुदा है। हफ्ता भर पहले ही वह ससुराल आगरा से दिल्ली आई थीं। वह 5 महीने की प्रेग्नेंट हैं। हादसे के बाद वह पूरी तरह से टूट चुकी हैं। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर वह क्या करें। दो छोटे भाई-बहनों का क्या होगा। किराए के मकान के लिए पैसे भी नहीं हैं। परिवार में पिता मजदूरी कर घर चलाते थे। अब दोनों बच्चे बेसहारा हो गए हैं। आकाश की भी मौत के बाद नाराज परिवार और पड़ोसियों ने शव को लेने से मना कर दिया। परिवार और रिश्तेदारों का आरोप है कि सुनीता और वीरू की डेडबॉडी के पोस्टमॉर्टम के बाद उन्हें देखने तक नहीं दिया गया और न ही शव को घर लाने दिया गया। पुलिस ने कुछ लोगों को विश्वास में लेकर चोरी चुपके उनका दाह संस्कार कर दिया। 

कोल्डड्रिंक की बोतल से शुरू हुआ विवाद इस कदर बढ़ा कि 6 साल की मासूम खुशी ने पिता वीरू, मां सुनीता और बड़े भाई आकाश को खो दिया। आकाश की नानी को पता नहीं है कि उनकी बेटी कहां है। खुशी अपनी बहन खुशबू से लिपटकर रो रही थी। उसे पता नहीं कि बड़ा भाई आकाश भी अब इस दुनिया में नहीं है। 

खुशी ने बताया, 'बुधवार शाम मां बाजार गई थीं। उन्होंने कहा था कि मेरे और दीदी के लिए रसमलाई लेकर आऊंगी। मां जैसे ही गली में आई अंकल ने उनको गाली देना शुरू कर दिया। भैया वहां पहुंचे तो वह चाकू से हमला कर दिया गया। पापा के शरीर से बहुत खून निकल रहा था। मुझे दीदी लेकर भाग गई तो अंकल मुझे भी मार देता।' अमन ने बताया कि पिछले 2 महीने पहले भी लड़ाई हुई थी। उस वक्त उन्होंने मारने की धमकी दी थी। पुलिस आई तो मामला शांत हुआ था। 
 

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