महिला की पथरी निकाली, अंदर छोड़ दिया तौलिया-बैंडेज

 
नई दिल्ली

चालीस साल की निशा बेगम की पथरी का ऑपरेशन उत्तर प्रदेश के बागपत के एक सरकारी अस्पताल में हुआ। यहां डॉक्टरों ने पथरी तो निकाल दी लेकिन उसके पेट में तौलिया और बैंडेज छोड़ दिया और टांके लगा दिए। महिला की हालात में सुधार न देखते हुए उसे दिल्ली लाया गया। यहां के हिंदूराव अस्पताल के डॉक्टरों ने उसके पेट से तौलिया निकाला।

पथरी का ऑपरेशन करवाने के बाद भी निशा के पेट का दर्द कम नहीं हो रहा था। लगातार छह महीने तक वह डॉक्टरों के चक्कर लगा रही थी। 15 अक्टूबर को उन्हें हिंदूराव अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां ऑपरेशन के बाद पेट से तौलिया निकाला गया।
 
निशा बेगम के भाई मोहम्मद वसीम के अनुसार, उनकी बहन बागपत की रहने वाली हैं और उनके पेट में लगातार दर्द की शिकायत थी। करीब 6 महीने पहले उन्हें बागपत के एक सरकारी अस्पताल में दिखाया गया था, जहां डॉक्टरों ने पथरी की बात बताई। डॉक्टरों ने ऑपरेशन की सलाह दी। उनकी सलाह पर निशा का ऑपरेशन कराया गया। इस दौरान डॉक्टरों ने तौलिया और कुछ बैंडेज उनकी पेट में ही छोड़ दिया और टांके लगा दिए।
 
ऑपरेशन के तीन दिन बाद उनकी बहन को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। मगर, इसके बाद पेट का दर्द ठीक नहीं हुआ। पेट में काफी दर्द होने पर दोबारा उसी अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने दवाइयां बदल दीं और कहा कि इससे आराम मिल जाएगा, फिर भी कोई राहत नहीं मिली। अस्पताल के डॉक्टरों ने तीसरी बार निशा को भर्ती कराने के लिए कहा। इस बार भी डॉक्टरों ने दवाइयां ही बदल कर दी, लेकिन पेट दर्द ठीक नहीं हुआ।

पेट में काफी दर्द होने के बाद 15 अक्टूबर को निशा के पति कौशिद उन्हें हिंदूराव अस्पताल लेकर आए। 15 दिनों तक डॉक्टरों ने उन्हें अपनी निगरानी में रखा और कई टेस्ट कराए। 30 अक्टूबर निशा को ऑपरेशन किया गया और उनके पेट से तौलिया निकाला। अस्पताल के डॉ. पी. के. गोविल का कहना है कि महिला का ऑपरेशन कर उनके पेट से तौलिया निकाला गया है। मगर, उनकी स्थिति अब भी थोड़ी गंभीर है।

वसीम का कहना है कि बागपत अस्पताल के डॉक्टरों के लापरवाही के कारण उनकी बहन की स्थिति गंभीर है। उनके खिलाफ थाने में शिकायत की जाएगी।
 

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