तेज रफ्तार ट्रक-बोलेरो में भीषण भिड़ंत, 6 की दर्दनाक मौत, गैसकटर से काटकर निकाली गईं 5 लाशें
अंबिकापुर
अंबिकापुर-बनारस मार्ग पर घाट पेंडारी से नीचे ग्राम नवाधकी के पास रविवार की रात 12.30 बजे माता के दर्शन करने कुदरगढ़ धाम जा रहे तेज रफ्तार बोलेरो और ट्रक में आमने-सामने जबरदस्त भिड़ंत हो गई। हादसे में बोलेरो में सवार 5 लोगों सहित ट्रक ड्राइवर की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।
हादसा इतना जबरदस्त था कि बोलेरो के परखच्चे उड़ गए, वहीं ट्रक भी सड़क किनारे पलट गया। हादसे में 10 लोग घायल हो गए, जिनमें से 5 गंभीर रूप से घायल हैं। गंभीर घायलों का मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जबकि मामूली रूप से घायलों का प्रतापपुर अस्पताल में इलाज चल रहा है।
इधर बोलेरो में बुरी तरह फंसी सभी 5 लाशों को गैसकटर से काटकर बाहर निकाला गया। घटना की खबर सुनते ही मृतकों के परिजन में मातम पसर गया है।
बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के ग्राम भाला, ओरंगा व आरागाही निवासी 15 महिला-पुरुष एवं बच्चे बोलेरो क्रमांक सीजी 11 डीडी-9922 में सवार होकर रविवार की रात सूरजपुर जिले के कुदरगढ़ धाम के लिए निकले थे।
बोलेरो रात करीब 12.30 बजे घाट पेंडारी से पहले ग्राम नवाधकी स्थित नेहा होटल के सामने पहुंची ही थी कि अंबिकापुर की ओर से सरिया लेकर बनारस की ओर जा रहे ट्रक से आमने-सामने जबरदस्त भिड़ंत हो गई। हादसे में बोलेरो में सवार पति-पत्नी समेत 6 लोगों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।
मृतकों में ट्रक ड्राइवर भी शामिल है। जबकि 10 लोग घायल हो गए, इनमें से 5 गंभीर हैं। हादसा इतना भीषण था कि बोलेरो के जहां परखच्चे उड़ गए, वहीं ट्रक सड़क किनारे पलट गया। हादसे के बाद होटल के पास रहे लोगों ने इसकी सूचना पुलिस व संजीवनी को दी। सूचना मिलते ही दोनों मौके पर पहुंच गए।
उन्होंने घायलों को तत्काल प्रतापपुर अस्पताल में भर्ती कराया। यहां से ५ गंभीर घायलों को मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर के लिए रेफर कर दिया गया। हादसे की खबर जैसे ही मृतकों के परिजन को लगी वे अस्पताल पहुंच गए। यहां उनका रो-रोकर बुरा हाल है।
गैसकटर से काटकर निकाले गए शव
ट्रक से भिड़ंत में बोलेरो सवार 5 मृतकों का शव बुरी तरह वाहन में ही फंस गया। उन्हें निकालने की कोशिश की गई लेकिन लाश नहीं निकल सकी। बाद में गैसकटर से वाहन को काटकर 5 लाशों को बाहर निकाला गया। सभी को पीएम के लिए प्रतापपुर अस्पताल के मरच्यूरी में रखवाया गया।
सोमवार की दोपहर पीएम पश्चात शवों को उनके परिजनों के सुपुर्द किया गया। पीएम के बाद बलरामपुर जिले के अलग-अलग अस्पताल के मुक्तांजलि वाहन प्रतापपुर पहुंचे थे। उससे शवों को गृहग्राम भेजा गया।