महिला कलेक्टर ज्ञापन लेने नहीं पहुंचीं तो भाजपा सांसद बोले- पूर्व सांसद का चरण चुंबन करने पहुंच जाती थीं

अशोकनगर

भोपाल से सांसद साध्वी प्रज्ञा के बाद अब गुना लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद केपी यादव एक विवादित बयान सामने आया है। यह बयान सांसद केपी यादव ने महिला कलेक्टर को लेकर दिया है। सांसद के बयान के बाद जहां राजनैतिक गलियारों में हलचल मची हुई है वही बीजेपी में भूकंप आ गया है।दरअसल, सोमवार को केपी यादव कलेक्ट्रेट ज्ञापन देने पहुंचे थे, जब कलेक्टर ज्ञापन लेने नहीं आईं तो अर्मायादित भाषा का उपयोग करते हुए यादव ने कहा कि वे पूर्व सांसद सिंधिया के चरण चुम्बन करने के लिए गांव-गांव पहुंच जाती थीं।इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।वही कांग्रेस हमलावर हो गई है।

दरअसल, सोमवार को अशोकनगर में ग्राम पंचायतों के परिसीमन में भाजपा कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करने पर सांसद डॉ. केपी यादव ने धरना प्रदर्शन किया। सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ प्रशासन के खिलाफ राज्यपाल के नाम ज्ञापन देने पहुंचे, लेकिन सांसद का ज्ञापन लेने जब कलेक्टर नहीं पहुंची तो कार्यकर्ताओं के साथ उन्होंने कलेक्टोरेट के सामने बैठकर चक्काजाम कर दिया। किन्तु जब कलेक्टर आती नजर नहीं आईं तब भाजपाईयों के तेवर तीखे हो गए। प्रदर्शन के दौरान सांसद जी के बोल भी बिगड़ गए और उन्होंने कलेक्टर और सिंधिया को लेकर विवादित बयान दे दिया।

सांसद ने कहा कि पूर्व सांसद सिंधिया के चरण चुम्बन करने के लिए कलेक्टर गांव-गांव पहुंच जाती थीं, और उनके ही इशारे पर परिसीमन किया गया है। उन्होंने यहां तक बोल दिया कि जिले की प्रशासनिक और पुलिस व्यवस्था प्राइवेट लिमिटेड हो चुकी है। कांग्रेस के तीनों विधायक और सिंधिया के पीए के कहने पर ही प्रशासन काम कर रहा है। सांसद ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिस पंचायत का सिंधिया जी के पीए ने फोन लगाकर परिसीमन करने को कहा, वहां दावे, आपत्ति पर विचार ही नहीं किया गया।

गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के नजदीकी रहे केपी यादव अशोकनगर जिले की मुंगावली विधानसभा सीट से 2018 के विधानसभा चुनावों में अपने लिए कांग्रेस से टिकट मांग रहे थे। सिंधिया ने भी केपी के लिए हामी भर दी थी और उनसे क्षेत्र में प्रचार करने को कह दिया गया था, लेकिन ऐन मौके पर उनका टिकट काट दिया गया था। इससे नाराज केपी यादव ने बीजेपी का दामन थाम लिया था।हालांकि, विधानसभा चुनावों में उनको कांग्रेस के बृजेंद्र सिंह यादव से करीबी हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद बीजेपी ने उनको लोकसभा चुनाव में सिंधिया के खिलाफ उतार दिया था। वह सिंधिया की तुलना में एक कमजोर उम्मीदवार माने जा रहे थे लेकिन नतीजों ने कांग्रेस को तगड़ा झटका देने का काम किया। यादव ने केपी को करीब डेढ़ लाख वोटों से हराया।इसके बाद से ही दोनों के बीच विवाद तेज हो गया है, जिसका झलक सोमवार को प्रदर्शन को देखने को मिली।

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