महिला कमांडो को मिलेगी नई उड़ान, नोबेल प्राइज के लिए भेजा जाएगा पद्मश्री शमशाद बेगम का नाम

बालोद 
छत्तीसगढ़ के बालोद जिले की महिला कमांडो को अब नई उड़ान और नई पहचान मिलने वाली है. अब पद्मश्री शमशाद बेगम का नाम नोबेल प्राइज के लिए भी जाने वाला है. बता दें कि महिला कमांडो ने अपने कार्यों से प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में अपना नाम रोशन किया था. वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अब इस महिला कमांडो को एक नई पहचान मिलेगी, जहां वर्ल्ड पीस कमेटी 202 कंट्री के अध्यक्ष और तमाम मेंबर जो इंडोनेशिया और मलेशिया से बालोद पहुंचे. महिला कमांडो के कार्यों को देखकर उनकी सराहना की और अब महिला कमांडो की प्रमुख पद्मश्री शमशाद बेगम को वर्ल्ड पीस कमेटी का मेंबर भी बनाया गया है.

आपको बता दें कि हाथों में डंडा लिए लाल साड़ी और लाल टोपी पहनकर जब महिला कमांडो सिटी बजाते हुए गांव से गुजरती हैं, तो अच्छे-अच्छे बदमाशों की सिट्टी पिट्टी गुल हो जाती है. इन महिला कमांडो ने अपने कार्यों से ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले अवैध कार्य जैसे शराब, सट्टा, जुआ, सामाजिक बुराइयां आदि को खत्म करने का प्रयास किया है.

वहीं शांति की ओर पहल करते हुए कई लोगों की मदद भी की. ऐसे में महिला कमांडो के इन कार्यों को देखते हुए इंडोनेशिया और मलेशिया से पहुंचे वर्ल्ड पीस कमेटी 202 कंट्री के तमाम लोगों ने महिला कमांडो के कार्यों की काफी सराहना की. वहीं पद्मश्री शमशाद बेगम ने जिस तरह इस महिला कमांडो को तैयार कर एक नई ऊर्जा के साथ में कार्य किया, उसकी जितनी तारीफ की जाए वो कम है. ये जानकारी प्रेसिडेंट वर्ल्ड पीस कमेटी 202 कंट्री इंडोनेशिया डी ज्योटो सुनटानी ने दी है.

उन्होंने कहा कि अभी हम इंडोनेशिया से दिल्ली आए और दिल्ली से छत्तीसगढ़ आकर यहां बालोद पहुंचे, जहां महिला कमांडो का कार्य देखा गया. इनका काम काफी सराहनीय. शांति के लिए भी अच्छा प्रयास महिला कमांडो कर रही हैं. डी ज्योटो सुनटानी ने कहा कि इसके लिए शमशाद बेगम जी का नाम नोबेल प्राइज के लिए भेजा जाएगा.

वहीं अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक पहचान मिलने से पद्मश्री शमशाद बेगम भी काफी खुश हैं. उन्हें वर्ल्ड पीस कमेटी का मेंबर भी बनाया गया है, जिस बात को लेकर संसद में बेगम अब अपने आप में गर्व महसूस कर रही हैं. उन्होंने कहा कि भारत में जो उन्हें पद्मश्री मिला वो सम्मान बहुत बड़ा है. वहीं अब नोबेल प्राइज के लिए भी नाम जा रहा है, जिससे वे काफी गर्व महसूस कर रही हैं. उन्होंने कहा कि जिस उद्देश्य से महिला कमांडो को लेकर काम किया गया था, आज वह उद्देश्य सार्थक होता नजर आ रहा है.

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