महिलाओं पर अत्याचार के मामले बढ़े, 2019 में 2575 केस दर्ज

रायपुर
आठ मार्च को विश्व महिला दिवस (International Woman's Day) है. हम महिलाओं की रक्षा सुरक्षा (Woman Safety) को लेकर हर मंच पर बड़ी-बड़ी होती है. मगर महिलाओं पर हो रहे अनाचार के मामले छत्तीसगढ़ में रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. ऐसे में महिला उत्थान की बाते करना कितनी जायज है, ये एक बड़ा सवाल है. अनाचार (Rape) के शिकार  युवती, महिला या फिर पीड़िता और उसका परिवार कानूनी पेचिदगियों में उलझ कर रह जाते हैं और न्याय मिलने तक व्यवस्था से विश्वसा उठता चला जाता है. न्याय मिल भी जाए मगर वो दंश जिसने झेला है उस घटना को कभी भूला नहीं पाती. कठोर से कठोर कानूनी प्रावधानों के बीच ना सिर्फ अनाचार के मामले ही बढ़ रहे है बल्कि सामूहिक दुष्कर्म (Gang Rape) की घटना में इजाफा हो रहा है.

अनाचार के मामले में राजधानी रायपुर में सबसे अधिक अपराध दर्ज किया गया है. साल 2019 में 254 मामले दर्ज हुए हैं. पूरे प्रदेश में 2575 मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं इस मामले में पुलिस के अधिकारी कहते है कि पहले मामले सामाजिक लोकलाज की वजह से दबा दिए जाते थे. मगर अब जागरूकता की वजह से पीड़िता और परिवार थाने तक आते हैं. शिकायत के बाद प्रकरण भी दर्ज किया जाता है.

तो वहीं गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने रेप की बढ़ती घटनाओं के विषय में कहा है कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार गंभीर है. यह सरकार की जवाबदारी भी है. सिर्फ कानून के सहारे सब संभव नहीं,  पालकों से भी आग्रह किया जाता है कि अपने बच्चों को संस्कार की शिक्षा दें. महिला सुरक्षा को लेकर हम चिंतित हैं.

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