महासमुंद के इस गांव के लोगों ने दी लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी, मचा हड़कंप

महासमुंद 
लोकतंत्र का पर्व आते ही चुनाव बहिष्कार करने की बात भी कई जगह से सामने आती है. इसी कड़ी में महासमुंद जिले के हाथी प्रभावित गांवों में से एक ग्राम जोबा के किसानों ने कलेक्टर को आवेदन सौंपते हुए हाथियों से निजात दिलाने की मांग की है. मांग पूरी नहीं होने पर ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार की चेतावनी भी दी है. ग्रामीण मांग पूरी नहीं होने पर लोकसभा चुनाव बहिष्कार करने की बात पर अड़े हैं, वहीं जिला निर्वाचन अधिकारी किसानों की मांगो पर त्वरित कार्रवाई करने का आश्वासन देते हुए ग्रामीणों को मना लेने की बात कह रहे हैं.

बता दें, महासमुंद वनपरिक्षेत्र के 42 ग्राम पिछले 4 चार सालों से हाथी के आंतक से परेशान हैं. हाथियों ने इन चार सालों में 15 ग्रामीणों को मार डाला और 11 ग्रामीण को घायल कर दिया है. 6239 किसानों का 918 हेक्टेयर फसल हाथी बर्बाद कर चुके हैं. लेकिन वन विभाग आज तक इन हाथियों को यहां से खदेड़ पाने में नाकाम रहा है. वन विभाग ने हाथियों का लोकेशन पता करने के लिए पांच कुमकी हाथी कर्नाटक से मंगाए, जिस पर लगभग 72 लाख रूपए खर्च कर चार हाथियों के दल में से मात्र के एक हाथी के दल को रेडियो कॉलर लगाने में सफल हो पाया है. उसके बाद कुमकी हाथियों को सरगुजा भेज दिया गया.

करोड़ों रूपये खर्च करने के बावजूद वन विभाग हाथियों के आंतक से ग्रामीणों को छुटकारा नहीं दिला पाया. रबी सीजन की फसलों को हाथी आए दिन बर्बाद कर रहे हैं, जिससे परेशान ग्राम जोबा के किसानों ने लोकसभा चुनाव को बहिष्कार करने की चेतावनी जिला निर्वाचन अधिकारी को दी है. किसानों और जनप्रतिनिधि का कहना है कि वन विभाग लोकसभा चुनाव के पहले छोटी झाड़ियों को नहीं काटेगा तो हम लोग चुनाव बहिष्कार करने के लिए बाध्य हैं. वहीं इस पूरे मामले में जिला निर्वाचन अधिकारी और कलेक्टर सुनील जैन का कहना है कि जो भी समस्या है उसे जल्द सुलझा लिया जाएगा और ग्रामीणों को भी मना लेंगे.

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