महाराष्‍ट्र में गठबंधन के करीब बीजेपी-शिवसेना, बातचीत तेज

 
मुंबई 

आगामी लोकसभा चुनाव में मतभेदों को भुलाकर शिवसेना को एक साथ लाने की महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मुहिम अब रंग लाती दिख रही है। राज्‍य में बीजेपी और शिवसेना दोनों ही समझौते के काफी करीब हैं और बीजेपी के एक वरिष्‍ठ नेता ने इसकी पुष्टि भी की है। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि शिवसेना ने गठबंधन से पहले बीजेपी के सामने कुछ शर्तें रखी हैं। 

बीजेपी नेता ने कहा, 'पिछले कुछ दिनों में बातचीत में काफी प्रगति हुई है लेकिन हम पूरा विवरण नहीं जानते हैं क्‍योंकि केवल मुख्‍यमंत्री बातचीत कर रहे हैं और उन्‍होंने इस बारे में केवल पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह को बताया है। हालांकि हमें जहां तक सूचना मिली है, अब कुछ ही कठिन बिंदु बचे हैं जिन्‍हें सुलझाया जाना बाकी है।' बता दें कि बुधवार को महापौर बंगले में शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच हुई चाय पर चर्चा के बाद दोनों पार्टियों के बीच संबंधों की गर्माहट फिर से बढ़ने की खबर आने लगी हैं। 

शिवसेना-बीजेपी गठबंधन का ऐलान कभी भी: पाटील 
शिवसेना-बीजेपी गठबंधन की इस चर्चा को राज्य में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील के बयान ने हवा दी है। उन्होंने गुरुवार को मंत्रालय में पत्रकारों से कहा कि शिवसेना-बीजेपी के बीच रोज बैठकें होती रहती हैं। उन्होंने कहा कि शिवसेना-बीजेपी गठबंधन का ऐलान कभी भी हो सकता है। खबर है कि शिवसेना ने बीजेपी के सामने विधानसभा की 288 सीटों के बराबर-बराबर बंटवारे की शर्त रखी है। 

वहीं लोकसभा के लिए 2014 के बंटवारे को ही यथावत रखने का प्रस्ताव दिया है। इसमें भी शिवसेना की शर्त यह है कि पालघर की सीट उसे दी जाए। इस बीच शिवसेना के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राऊत ने कहा कि उन्हें गठबंधन की चर्चा के बारे में कुछ मालूम नहीं है। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, 'जहां कहीं भी और जिस किसी के बीच भी यह चर्चा चल रही है उसे चलने दो। प्रपोजल भेजने और स्वीकारने के लिए शिवसेना कोई मैरिज ब्यूरो है क्या?' उन्होंने कहा कि शिवसेना सेहरा बांधकर किसी के प्रपोजल का इंतजार नहीं कर रही है। हम तो कब का अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं और पार्टी इसकी तैयारी में लगी है। 

एक साथ नहीं होंगे लोकसभा-विधानसभा चुनाव 
गुरुवार को दिल्ली से खबर आई कि बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने महाराष्ट्र के नेताओं को संदेश भेजा है कि महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ नहीं होंगे। बताया गया कि बीजेपी नेतृत्व ने यह संदेश इसलिए भेजा है, ताकि कार्यकर्ता किसी भ्रम में नहीं रहें। बीजेपी नेता चंद्रकांत पाटील ने भी पत्रकारों के समक्ष इस बात को दोहराया कि राज्य में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव एक साथ नहीं होंगे। जबकि कहा यह जा रहा है कि शिवसेना राज्य में एक साथ चुनाव कराने पर जोर दे रही है। 

शिवसेना पर अपने सांसदों का दबाव 
जानकारों का कहना है कि शिवसेना को डर है कि लोकसभा चुनाव में गठबंधन का लाभ लेकर, विधानसभा में बीजेपी उसे 2014 की तरह धोखा दे सकती है। दिल्ली में संसद के बजट सत्र से पहले हुई शिवसेना संसदीय दल की बैठक में भी महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ गठबंधन के मुद्दे पर हुई चर्चा हुई है। खबरों के मुताबिक शिवसेना सांसदों ने राय व्यक्त की है कि अगर दोनों पार्टियां अलग-अलग लड़ीं, तो शिवसेना को नुकसान हो सकता है। फिलहाल शिवसेना के 18 सांसद हैं। 
 

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