महागठबंधन के तीन दल राजद को फिर ‘चार्ज’ करने जुटे, उपेन्द्र कुशवाहा, जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी ने की बैठक

पटना                       
विधानसभा चुनाव को करीब आते देख राजद अपने कार्यकर्ताओं को चार्ज करने में लगा है तो महागठबंधन के तीन दल रालोसपा, हम और वीआईपी राजद को ही ‘चार्ज’ करने में जुट गये हैं। तीनों दलों के प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा, जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी ने एक साथ बैठक मंगलवार को वर्तमान राजनीति पर चर्चा की। बैठक में राजद और कांग्रेस के कोई नेता नहीं थे।

वीआईपी कार्यालय में तीनों नेताओं की हुई बैठक ने महागठबंधन की राजनीति में एक बार फिर नया मोड़ ला दिया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी कि तीनों दलों ने सीट शेयरिंग पर चर्चा की। साथ ही इस मामले पर राजद का व्यवहार भी उनके चर्चा का विषय था। लिहाजा नेताओं ने हर परिस्थिति को सामने रख एकसाथ चुनाव लड़ने की रणनीति बनाने में लगे रहे। जानकारी के अनुसार बैठक में वाम दलों को लेकर भी चर्चा हुई। 

हालांकि एक घंटे की बैठक के बाद बाहर निकलकर रालोसपा प्रमुख कुशवाहा ने साफ कहा कि यह समय राजनीति का नहीं है। हमलोगों ने वर्तमान संकट की घड़ी में गरीबों और प्रवासी मजदूरों की परेशानी और सरकार की भूमिका पर चर्चा की। हम विपक्ष में हैं लिहाजा जनता की आवाज भी हमे बनना होगा। रोज सड़क पर मजदूर मर रहे हैं और सरकार उन्हें सकुशल जल्द लाने का प्रयास नहीं कर रही है। इन्हीं मसलों पर हमने एक दूसरे से विचार साझा किया गया। कोई राजनीतिक बात नहीं हुई। लेकिन श्री कुशवाहा की यह बात सत्य है तो सवाल यह है कि फिर राजद और कांग्रेस को इससे अलग क्यों रखा गया। 

महागठबंधन में गुटबंदी का यह कोई पहला उदाहरण नहीं है। इसके पहले भी तीनों दलों के नेता कई बार बैठक कर चुके हैं। हर बैठक में राजद की उपेक्षापूर्णा व्यवहार ही प्रमु़ख मुद्दा बन जाता है। पिछले दिनों तीनों नेताओं ने शरद यादव के साथ बैठककर उन्हें सीएम के चेहरे के रूप में प्रस्तुत करने की चर्चा की थी। हालांकि उसके दूसरे ही दिन शरद यादव ने लालू यादव से मुलाकत की और यह साफ कर दिया कि वह मुख्यमंत्री पद के दावेदार नहीं है। लेकिन, तब भी चुपचाप की ‘हां’ और खुलकर ‘ना’ कहने की पीछे की राजनीति छुप नहीं सकी थी।

 

लॉकडाउन के बीच चुनावी तैयारियों में जुटा राजद

राजद ने लॉकडाउन के बीच चुनावी तैयारियां शुरू कर दी है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने जूम एप्लीकेशन के माध्यम से सोमवार को पार्टी के जिलाध्यक्षों से बात की। पार्टी नेताओं ने जिलाध्यक्षों को बाहर से आ रहे मजदूरों की परेशानी पर ध्यान देने का निर्देश दिया। साथ ही, बूथ कमेटी बनाने की प्रगति की भी समीक्षा की। नेता प्रतिपक्ष ने जिलाध्यक्षों से कहा कि वह अपने क्षेत्र में बाहर से आ रहे मजदूरों की परेशानी दूर करने में कोई कसर नहीं छोड़े। जहां भी उन्हें बस या ट्रेन से उतारा जाता है, वहां उनके स्वागत में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ उपस्थित रहे। साथ ही उनका उत्साह बढ़ाने का प्रयास करें। काफी संकट लेकर ये मजदूर अपने घर पहुंच रहे हैं। ऐसे में उनका मनोबल न गिरे, इसपर ध्यान रखें। 

उन्होंने कहा कि क्वारंटाइन सेन्टरों पर भी जिले के साथी नजर रखें। सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाएं उनको मिल रही है या नहीं। उनकी परेशानी को अपने स्तर से भी कम करने का प्रयास करें। उन्होंने बूथ कमेटी के निर्माण में तेजी लाने का निर्देश सभी जिलाध्यक्षों को दिया। साथ ही कहा कि बूथस्तर पर मजबूत साथियों को जोडकर कमेटी बनाएं। रमजान का महीना होने के कारण कुछ जिलों के अध्यक्ष एप्लीकेशन से नहीं जुड़ सके। लिहाजा उन जिलाध्यक्षों से अलग से बात करने के लिए एक बार फिर बैठक होगी। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *