मसूद के बैन पर अड़ंगा लगा, बहाना बना रहा चीन

पेइचिंग 
चीन ने पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कराने पर अड़ंगे का बचाव किया है। चीन ने कहा कि इससे मसले का स्थायी समाधान निकालने के लिए संबंधित पक्षों, भारत और पाकिस्तान, के बीच वार्ता में मदद मिलेगी। यह पूछे जाने पर कि चीन ने मसूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के कदम को एक बार फिर क्यों बाधित किया, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने कहा कि पेइचिंग का फैसला समिति के नियमों के अनुसार है।  

उन्होंने कहा कि चीन को ‘वास्तव में यह उम्मीद है कि इस समिति के प्रासंगिक कदम संबंधित देशों की मदद करेंगे कि वे वार्ता एवं विचार-विमर्श करें और क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता के लिए और जटिलता पैदा न हो।’ लु ने कहा, ‘जहां तक 1267 समिति में तकनीकी रोक की बात है, तो हमने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाया है कि समिति के पास मामले के अध्ययन के लिए उचित समय हो और संबंधित पक्षों को वार्ता और विचार-विमर्श के लिए समय मिल सके।’ 

चीनी प्रवक्ता ने कहा, ‘सभी पक्षों के लिए स्वीकार्य समाधान ही इस मसले के स्थायी समाधान का अवसर मुहैया करा सकता है। चीन इस मामले से उचित तरीके से निपटने के लिए भारत समेत सभी पक्षों से बातचीत एवं समन्वय के लिए तैयार है।’ भारत ने मसूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के कदम को चीन की ओर से तकनीकी रूप से बाधित किए जाने के बाद निराशा जताई थी। 

गौरतलब है कि चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मसूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने संबंधी प्रस्ताव पर बुधवार को तकनीकी रोक लगा दी। फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ‘1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति’ के तहत मसूद को आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव 27 फरवरी को पेश किया था। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावर ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था, जिसमें 40 जवानों की मौत हो गई थी। 

इस हमले के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। समिति के सदस्यों के पास प्रस्ताव पर आपत्ति जताने के लिए 10 कामकाजी दिन का वक्त था। यह समय सीमा खत्म होने से ठीक पहले चीन ने प्रस्ताव पर ‘तकनीकी रोक’ लगा दी और प्रस्ताव की पड़ताल करने के लिए और वक्त की मांग की। 

कश्मीर पर कहा, यह भारत और पाक के बीच का मसला 
उन्होंने कश्मीर मामले पर कहा कि चीन का रुख स्पष्ट एवं स्थिर है। लु ने कहा, ‘यह भारत एवं पाकिस्तान के बीच का मामला है। हमें उम्मीद है कि दोनों पक्ष मित्रवत् वार्ता करेंगे और इस मामले एवं अन्य संबंधित मामलों को सुलझाएंगे।’ 

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