मरकज को मिली थी ढाई मंजिल की मंजूरी, तबलीगी जमात खड़ी कर दी 9 मंजिला इमारत

नई दिल्ली

निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात की मरकज में बड़े स्तर पर अवैध निर्माण किया गया है। इस अवैध निर्माण की शिकायत पिछले छह साल से की जा रही थी, लेकिन दक्षिणी निगम के अधिकारी कार्रवाई करने से बच रहे थे। मरकज प्रबंधन प्रशासन की अनदेखी का फायदा उठाकर लगातार अवैध निर्माण करता रहा। नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि जमात के पास ढाई मंजिल की इजाजत थी लेकिन उन्होंने नौ मंजिला इमारत खड़ी कर दी।

 

एलजी और गृह मंत्रालय तक शिकायत

जंगपुरा आरडब्ल्यूए अध्यक्ष मोनू चड्ढा ने बताया कि उन्होंने एक एनजीओ की मदद से पहले दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों को इस इमारत में हो रहे अवैध निर्माण की शिकायत दी। लेकिन जब निगम अधिकारियों ने शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की तो उन्होंने तत्कालीन उपराज्यपाल, दिल्ली सरकार और गृह मंत्रालय तक से शिकायत की, लेकिन छह वर्ष बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।   

 

25 मीटर ऊंची इमारत खड़ी कर ली

सूत्रों की माने तो मरकज की इमारत जहां बनी है, वह प्लॉट लगभग 200 वर्ग गज का है और रिहायसी इलाके में है। दिल्ली में रिहायशी इलाके में कोई भी इमारत 15 मीटर से ऊंची नहीं बन सकती, लेकिन मरकज की इमारत लगभग 25 मीटर ऊंची हैं। इस इमारत में दो बेसमेंट और 7 फ्लोर बने हैं, जो बिना नक्शा पास करवाए बनवाए गए हैं। मोनू चड्ढा ने बताया कि उन्होंने एक एनजीओ की मदद से मरकज के बारे में जानकारी जमा की, जिसमें सामने आया कि 1992 में ढाई मंजिला इमारत का नक्शा पास करवाया गया था, लेकिन वह पूरी इमारत का नहीं था, उस समय आधी इमारत बनवा दी गई थी। लेकिन 1995 के बाद नए सिरे से इस इमारत को बनवाया गया और नियमों को ताक पर रखकर इमारत को 25 मीटर ऊंचा बना दिया गया, जिसका नक्शा भी पास नहीं करवाया गया है।       

 

मालिकाना हक पर भी उठे सवाल

नगर निगम के अधिकारियों ने शुरुआती जांच के बाद पाया कि मरकज के प्रबंधकों को कई बार इमारत के निर्माण वाली जगह के मालिकाना हक के दस्तावेज देने को कहा गया। लेकिन प्रबंधकों ने कभी भी निगम को मालिकाना हक के दस्तावेज नहीं सौंपे। ऐसे में इस जमीन के मालिकाना हक पर भी सवाल उठने लगे हैं। आखिर यह जमीन किसकी है और तबलीगी जमात के लोगों को किसने दी है। 

 

आग लगने पर होगा बड़ा हादसा

जिस जगह पर मरकज की इमारत बनी है, वह घनी आबादी वाला इलाका है। यहां गलियां बहुत संकरी हैं। अगर किसी दिन इमारत में आग लग गई तो बड़ा हादसा होगा, क्योंकि इस इमारत में हर समय हजारों लोग मौजूद रहते हैं। मरकज के प्रबंधकों के पास इमारत के निर्माण के लिए फायर एनओसी है या नहीं इसकी भी जांच की जा रही है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अगर एनओसी नहीं हुई तो जल्द ही इस इमारत के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।  दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में स्थाई समिति के डिप्टी चैयरमैन ने बताया कि राजपाल सिंह जांच में सामने आया है कि मरकज की इमारत का नक्शा पास नहीं है। इमारत में बहुत बड़े स्तर पर अवैध निर्माण किया गया है। अब सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुरानी शिकायतों पर उस समय के अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं की, अगर ऐसा है तो उसकी भी जांच करवाई जाएगी।    दिल्ली फायर सर्विस के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि मरकज की इमारत के पास फायर एनओसी है या नहीं इसकी जांच की जा रही है। अगर इमारत का एनओसी नहीं हुआ तो इमारत पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

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