मप्र बना एंटी बायोटिक पॉलिसी लागू करने वाला दूसरा राज्य

भोपाल
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में एंटी माइक्रोब्रियलरेजिस्टेंस (एएमआर) विषय पर एक दिनी संभागीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन आईसीएमआर, एनएचएम एवं एम्स द्वारा संपन्नहुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में निदेशक प्रो. सरमन सिंह मौजूद रहे। उनके साथ डॉ. पंकज शुक्ला,स्टेटनोड्ल आॅफिसर, क्वालिटी एश्योरेंस एनएचएम मौजूद थे।

इसमेंभोपाल संभाग के मेडिकलआॅफिसरों को एम्स के चिकित्सा विषेषज्ञ डॉ. सागर खडंगा एवं डॉ. टी करूणा द्वारा एंटीबायोटिक के उचित प्रयोग के संबंध में जानकारी देकर प्रशिक्षित किया गया। कार्यशाला को 7 बैचों में मध्यप्रदेश के अलग-अलग संभागों मेंआयोजित किया जा रहा है, जिसमें से सागर और रीवा संभाग को छोड़कर 5 बैच पूर्ण हो चुकी हैं।

डॉ. पंकज शुक्ला ने कहाकि मप्र सरकार ने एम्स के साथ मिलकर स्टेट एंटी बायोटिक पॉलिसी लागू की है। इस तरह की पॉलिसी लागू करने वाला मप्र देश का दूसरा राज्य है। निदेशक सिंह कहाकि राज्य सरकार के साथ इस तरह के अन्य चिकित्सा संबंधी जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों में एम्स आगे भी सहयोग करेगा। इससेआमजनता एवं मरीजों को अधिक से अधिक से लाभ मिल सके। उन्होने कहा कि वेटनरी चिकित्सक, नर्सेस, पैरामेडिकल स्टॉफ एवं फार्मासिस्ट को भी ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से भविष्य में संयुक्त तत्वाधान मेंआयोजित हों। इसमें एम्स के विशेषज्ञ प्रशिक्षण प्रदान करने की योजना है।

उन्हों ने बताया कि एंटी बायोटिक का अधिक, कम एवं गलत उपयोग तीनों ही घातक हैं। इस मौके पर  राकेश मुंशी, संयुक्त संचालक ट्रेनिंग एवं टीचिंग एनएमएमभोपाल, प्रो. अरनीतअरोरा डीन (एकेडमिक्स), संतोष सोहगौरा उपनिदेशक (प्रशासन), डॉ. सागर खडंगा, सहायक प्राध्यापक, जनरल मेडिसिन विभाग, डॉ. टी करूणा सह-प्राध्यापक माइक्रोबायोलॉजी विभाग के साथ-साथ भोपाल संभाग के चिकित्सकगण प्रशिक्षणार्थी के रूप में उपस्थित थे।

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