मन की बात में जबलपुर के स्वच्छता अभियान की तारीफ

नई दिल्ली

रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने साल के आखरी रेडिया कार्यक्रम मन की बात में जबलपुर के लोगों द्वारा 20 दिसंबर को चलाए गए स्वच्छता अभियान की तारीफ करते हुए कहा कि जिस तरह लाखों लोग सड़क पर उतरे और शहर को साफ करने में अपना योगदान दिया, यह बहुत ही सराहनीय है।

जबलपुर नगर निगम 20 दिसंबर को स्वच्छता में शहर को नंबर वन बनाने के लिए दो घंटे तक 750 संगठनों के कार्यकर्ताओं की सहायता से 100 से ज्यादा स्थानों पर सफाई की थी। नगर निगम के इस अभियान को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया है। अभियान के तहत जबलपुर के लगभग 3.5 लाख लोग एक साथ झाड़ू-बाल्टी लेकर शहर में सफाई करने निकले। सभी ने मिलकर सिविक सेंटर, छोटीलाइन, भंवरताल, ग्वारीघाट, रेलवे स्टेशन, आईएसबीटी आदि क्षेत्रों को चमका दिया। साफ-सफाई में करीब 750 टन कचरा निकला, जिसे कठौंदा प्लांट भेज दिया गया।

हौसले बुलंद हैं तो रुकावटें खुद रुक जाती हैं

प्रधाममंत्री मोदी ने अपने कार्यक्रम में आगे कहा कि नकारात्मता फैलाना काफी आसान होता है लेकिन अगर संकल्प में सामर्थ्य है, हौसले बुलंद हैं तो रुकावटें खुद ही रुक जाती हैं और कठिनाइयां कभी रुकावट नहीं बन सकती हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2018 में विश्‍व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारतकी शुरुआत हुई। देश के हर गांव तक बिजली पहुंच गई। विश्‍व की गणमान्य संस्थाओं ने माना है कि भारत रिकॉर्ड गति के साथ, देश को गरीबी से मुक्ति दिला रहा है। देशवासियों के अडिग संकल्प से स्वच्छता कवरेज बढ़कर 95% को पार करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। सरदार वल्लभभाई पटेल के सम्मान में विश्‍व की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू आफ यूनिटीदेश को मिली। सौर ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन में भारत के प्रयासों को विश्‍व में स्थान मिला। देश की आत्मरक्षा को 2018 में नई मजबूती मिली है। इसी वर्ष हमारे देश ने सफलतापूर्वक परमाणु त्रिकोण को पूरा किया, यानी अब हम जल, थल और नभ-तीनों में परमाणु शक्ति संपन्न हो गये है।

कुंभ में अक्षयवट के दर्शन भी होंगे

प्रयाग में आयोजित होने वाले कुंभ मेले का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि कुंभ मेले में आस्था और श्रद्धा का जन-सागर उमड़ता है। एक साथ एक जगह पर देश-विदेश के लाखों करोड़ों लोग जुड़ते हैं। कुंभ की परंपरा हमारी महान सांस्कृतिक विरासत से पुष्पित और पल्लवित हुई है। इस बार श्रद्धालु संगम में पवित्र स्नान के बाद अक्षयवट के पुण्य दर्शन भी कर सकेंगे। लोगों की आस्था का प्रतीक यह अक्षयवट सैकड़ों वर्षों से किले में बंद था, जिससे श्रद्धालु चाहकर भी इसके दर्शन नहीं कर पाते थे। अब अक्षयवट का द्वार सबके लिए खोल दिया गया है।

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