मनीष सिसोदिया ने कहा- 30 जून तक एक लाख कोरोना केस 

 
नई दिल्ली 

आने वाले दिनों में दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्तार क्या होगी, इसे लेकर कई दावे किए जा रहे हैं. रविवार को समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जुलाई अंत तक दिल्ली में कोरोना वायरस के 5.5 लाख मरीज नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के बयान से दिल्ली के लोगों के मन में डर पैदा हो गया.

अमित शाह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि जून के पहले सप्ताह में दिल्ली की स्थिति खराब हो रही थी, और विशेषज्ञों ने आकलन किया था कि अगर कोरोना संक्रमण की यही रफ्तार रही तो जुलाई तक यहां कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 5.5 लाख हो जाएगी.

केंद्र से मिला दिल्ली को सहयोग
मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस बीच केंद्र और दिल्ली सरकार के सहयोग से कोरोना को कंट्रोल करने पर काफी काम हुआ. बता दें कि पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में कोरोना पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार ने हस्तक्षेप किया है. गृह मंत्री ने सीएम अरविंद केजरीवाल और एलजी अनिल बैजल से कई राउंड मीटिंग की है.

अब चार गुना ज्यादा टेस्ट
इसके बाद दिल्ली में कोरोना की टेस्टिंग रफ्तार में तेजी आई है, अब दिल्ली में पहले के मुकाबले तीन से चार गुना ज्यादा टेस्ट किए जा रहे हैं. दो सप्ताह पहले तक दिल्ली में प्रतिदिन लगभग 5-6 हजार लोगों के कोरोना टेस्ट किए जा रहे थे. अब दिल्ली में कोरोना टेस्ट की संख्या बढ़ाकर लगभग 20 हजार प्रतिदिन कर दी गई है. दिल्ली के बड़े प्राइवेट अस्पतालों में 40% बेड्स कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं. होटल को अस्पतालों में बदलकर 3500 बेड जोड़े गए हैं. केंद्र ने दिल्ली को ऑक्सीजन सिलेंडर, आईटीबीपी के डॉक्टर और नर्स भेजे हैं.

 दिल्ली और केंद्र के दावों से इतर अगर हम डिप्टी सीएम मनीष सिसादिया के बयान की पड़ताल आंकड़ों के आईने में करें तो पाते हैं कि कोरोना के खिलाफ जंग में मजबूती आने के बावजूद कोरोना का ग्राफ अबतक उसी ओर बढ़ता जा रहा है जिस ओर मनीष सिसोदिया ने इशारा किया था.

30 जून तक 1 लाख केस का अनुमान
9 जून को मनीष सिसोदिया ने कहा था कि 15 जून तक दिल्ली में कोरोना के 44 हजार केस होंगे और 6600 बेड की जरूरत होगी. सिसोदिया ने कहा था कि 30 जून तक दिल्ली में कोरोना मरीजों की संख्या 1 लाख हो जाएगी और हमें 15 हजार बेड की दरकार होगी. इसके बाद उन्होंने कहा था कि अगर इसी स्पीड से कोरोना बढ़ता रहा तो 31 जुलाई तक दिल्ली में कोरोना के 5.5 लाख केस होंगे और 80 हजार बेड की जरूरत होगी.

आंकड़ों और असलियत का आमना-सामना
अब डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के दावे की तुलना हम आंकड़ों से करते हैं. रविवार देर रात यानी कि 28 जून को आए स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकडों के मुताबिक दिल्ली में कोरोना के कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 83,077 तक पहुंच गई है. फिलहाल दिल्ली में कोरोना के एक्टिव केस की संख्या 27,847 है. इनमें से 17,148 मरीज होम आइसोलेशन में रह रहे हैं. 30 जून तक के आंकड़े आने में अभी दो दिन का डाटा बाकी है.

असल डाटा सिसोदिया के अनुमान के करीब
अगर देखा जाए तो दिल्ली में औसतन 3 से 4 हजार नए कोरोना मरीज सामने आ रहे हैं, लेकिन लगभग 3 हजार मरीज रोजाना ठीक भी हो रहे हैं. रविवार को बीते 24 घंटे में 3306 मरीज ठीक हुए हैं. इस तरह से अगर अगले दो दिनों 29 और 30 जून में मरीजों संख्या में 10 हजार का इजाफा हो जाता है और लगभग 5 हजार मरीज ठीक हो जाते हैं तो 30 जून तक दिल्ली में मरीजों की संख्या लगभग 90 हजार तक जा सकती है, जो कि सिसोदिया द्वारा लगाए गए 1 लाख के अनुमान के काफी करीब दिखाई पड़ता है. यानी अब तक मनीष सिसोदिया का दावा हकीकत के आसपास दिखाई देता है. इसका साफ मतलब ये है कि कोरोना से जंग को और भी ताकत से लड़े जाने की जरूरत है ताकि जुलाई तक 5.5 लाख केस पहुंचने का डरावना अनुमान सच न साबित हो जाए.

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