कानपुर की सभी टेनरियां फिलहाल अनिश्चितकाल के लिए बंद: शासन का आदेश

  कानपुर। 
कानपुर की सभी टेनरियों को फिलहाल अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का आदेश जारी कर दिया गया है। जिन 28 टेनरियों को माघ मेले के दौरान भी चलाने की छूट थी वो भी नए आदेश के तहत बंद कर दी जाएंगी। आठ माह तक बंदी झेल चुकीं 94 टेनरियों को अगस्त माह में खोला गया था। अब इन्हें मिलाकर चालू की गईं 122 टेनरियों का भी संचालन नहीं होगा। 

जब तक सीईटीपी की सफाई जल निगम नहीं कर लेता तब तक कोई टेनरी नहीं चलने पाएगी। हालांकि जल निगम ने शासन के सामने यह दावा किया है कि 30 अक्तूबर तक जाजमऊ स्थित सीईटीपी की सफाई कर ली जाएगी मगर यह भी कोई निश्चित नहीं है। अगर जल निगम अपने दावे पर खरा उतरता है तो संभव है कि अगले महीने टेनरियों को खोले जाने की स्थिति बन जाए। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि एनजीटी ने आदेश दिया था कि किसी सूरत में गंगा में टेनरियों का डिस्चार्ज न जाने पाए। जल निगम द्वारा सीईटीपी की सफाई के कारण अब तक खोली गईं सारी टेनरियों का डिस्चार्ज गंगा में जा रहा है। केमिकल जाने के कारण गंगा के प्रदूषित होने का खतरा बढ़ गया है। 

एनजीटी ने पूछा था, किसकी अनुमति से डिस्चार्ज
एनजीटी ने हाल में दिए गए आदेश में पूछा था कि किसके आदेश से सीईटीपी बंद की गई और गंगा में टेनरियों का डिस्चार्ज डाला गया। इस संबंध में मुख्य सचिव को आदेश दिया गया था कि कड़ी कार्रवाई की जाए। सीईटीपी के रिएक्टर की अभी सफाई हो रही है इसलिए टेनरियों को बंद करना ही एकमात्र विकल्प है। सदस्य सचिव ने कहा कि सभी चालू टेनरियों को फिलहाल तत्काल बंद करा दिया जाए। बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी सुमित बेंजामिन फ्रेंकलिन ने बताया कि आदेशों का पालन कराया जा रहा है। 

गलती जल निगम की भुगत रहीं टेनरियां
जल निगम की गलतियों का खामियाजा टेनरियों को भुगतना पड़ रहा है। टेनरी संचालकों का तर्क है कि जब आठ माह तक टेनरियों को बंद रखा गया था तो उस वक्त ट्रीटमेंट प्लांट की सफाई क्यों नहीं हुई? तब सफाई के लिए पर्याप्त अवधि थी। जब टेनरियों को खोला गया तो सीईटीपी की भी सफाई शुरू हो गई। तब यह कहा गया कि बारिश के दौरान गंगा में डिस्चार्ज जाने से कोई दिक्कत नहीं होगी। प्लांट की सफाई में ज्यादा से ज्यादा दो माह का वक्त लगता मगर अब इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। 

18 नवंबर 2018 को बंद हुईं थीं सारी टेनरियां
18 नवंबर 2018 से ही शहर की सभी टेनरियों को बंद कर दिया गया था। बाद में एक पंपिंग स्टेशन से कनेक्ट 28 टेनरियों को चालू किया गया मगर बाकी को बंद रखा गया। लंबी जांच के बाद 28 अगस्त 2019 को टेनरियों को खोला जाना शुरू हुआ। अभी 122 टेनरियां चल रहीं थीं। बाकी 261 टेनरियों के मानकों की जांच होनी बाकी थी। अब फिर से सारी टेनरियां बंद होने से चमड़ा उद्योग प्रभावित होगा। आठ माह में बंदी के दौरान टेनरियों के कारोबार पर काफी असर पड़ चुका है। तमाम टेनरी संचालकों ने कानपुर से पलायन करना शुरू कर दिया था। 

औद्योगिक विकास आयुक्त के यहां बैठक कल
टेनरियों की बंदी और सीईटीपी की सफाई को लेकर शुक्रवार को औद्योगिक विकास आयुक्त के यहां लखनऊ में बैठक होगी। इसमें टेनरी एसोसिएशनों को भी बुलाया गया है। बैठक में विकल्प पर चर्चा होगी। साथ इस समस्या का निराकरण के बारे में विचार-विमर्श होगा। टेनरी संचालकों के तर्कों पर भी सुनवाई की जाएगी। जल निगम के अफसरों से आमने-सामने सवाल-जवाब होंगे कि वह हकीकत में कब तक सीईटीपी को साफ कर लेंगे। 

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