मनरेगा में रोजगार मिलने से मजदूरों का जीवन यापन हो गया आसा

भोपाल 
मजदूरों को अपने गाँव में ही काम मिलता रहे तो उन्हें बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। दमोह जिले की ग्राम पंचायत सेमरा लखरौनी के निवासी हरिदास पाल और उनके भाई झलकन की कहानी कुछ इस तरह की है। इन दोनों को परिवार सहित मनरेगा में रोजगार मिलने से जीवन यापन अब आसान हो गया है। हरिदास पाल पिछले पाँच साल से धार जिले के पीथमपुर में एक दवा कंपनी में काम कर रहा था और इसका भाई अहमदाबाद की एक दवा कंपनी में काम करता था। मार्च महीने में कोरोना महामारी के कारण दोनों अपने घर सेमरा लखरौनी आ गए। एहतियात के तौर पर 14 दिन तक क्वारेंनटाईन किया गया। इस अवधि के बीत जाने के बाद इन्हें रोजी-रोटी की दरकार थी।

ऐसे में गाँव के जनप्रतिनिधि ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्रमिकों को जॉब कार्ड बनाकर मनरेगा से रोजगार दिलाने की बात कही है, तो ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक से सम्पर्क कर तुम लोगों को काम मिल सकता है। दोनों भाईयों ने रोजगार सहायक से सम्पर्क किया। कुछ दिन बाद नवीन जॉब कार्ड के साथ स्थानीय स्तर पर ही कपिलधारा कूप पर कार्य करने के लिए उन्हें एवं उनके परिवार के सदस्यों को मजदूरी पर रख लिया गया। ग्राम पंचायत में काम मिलने से उनका जीवन यापन आसान हुआ। हरिदास पाल का कहना है कि ऐसे ही गाँव में काम मिलता रहेगा तो फिर हमें बाहर जाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
 

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