मध्यप्रदेश में 15 दिनों का ‘किल कोरोना’ अभियान शुरू

 

भोपाल। मध्यप्रदेश को कोरोना सहित अन्य रोगों से मुक्त बनाने के मकसद से 'किल कोरोना' अभियान शरू किया गया है। यह अभियान 15 दिन तक चलेगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को इस अभियान की शुरुआत करते हुए प्रदेशवासियों से मिलकर जंग लड़ने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य दिवस से अगले 15 दिनों तक चलने वाले 'किल कोरोना' अभियान का शुभारंभ यहां के समन्वय भवन में किया। शिवराज बोले, "कोरोना से जंग हम सबको मिलकर लड़ना है। हमारी जीत निश्चित है। सभी संकल्प लें कि मध्यप्रदेश को कोरोना मुक्त और रोगमुक्त बनाएंगे। कोरोना के खात्मे के लिए किल-कोरोना अभियान में आमजन से सक्रिय सहयोग करें।"

मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य दिवस और डाक्टर्स-डे पर इस अभियान का शुभारंभ करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में चिकित्सकों और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ के समर्पित प्रयासों से कोरोना के नियंत्रण की वर्तमान स्थिति बनी है। डॉक्टर को भगवान माना जाता है। मध्यप्रदेश में भी इस मान्यता को चरितार्थ करते हुए चिकित्सकों ने इतिहास रचा है।

राज्य में कोरोना से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों का जिक्र करते हुए शिवराज ने कहा, "तीन माह पूर्व एक जांच लैब थी और सिर्फ 60 टेस्ट प्रतिदिन होते थे। अब हम प्रदेश में कोरोना की जांच के लिए 30 लैब विकसित करते हुए प्रतिदिन नौ हजार टेस्ट तक पहुंच गए हैं। प्रदेश का रिकवरी रेट 77 प्रतिशत है। यह अन्य प्रदेशों से अच्छा है। संक्रमण कम हो गया है। हमारी व्यवस्थाएं मजबूत हैं।"

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में लगभग एक हजार फीवर क्लीनिक कार्य कर रहे हैं। शुरू हुए अभियान में कोविड मित्र बनाए जा रहे हैं। कोविड मित्र बनकर अभियान में सहयोग करें। व्यापक सर्वे के माध्यम से प्रदेश का प्रत्येक परिवार कवर करते हुए रोगमुक्त मध्यप्रदेश का लक्ष्य पूरा करना है।

शिवराज ने कहा कि समय पर रोग की पहचान और उपचार से यह घातक नहीं हो पाता और व्यक्ति स्वस्थ हो जाता है। प्रत्येक व्यक्ति किल-कोरोना अभियान के अंतर्गत कोरोना के अलावा मलेरिया, डेंगू, डायरिया, सामान्य सर्दी-खांसी की जांच करवा कर इस जंग में विजयी होने में सहयोग इें।

लॉकडाउन के बाद अनलॉक किए जाने का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बात सही है कि अनंतकाल तक लॉकडाउन कायम नहीं रखा जा सकता था। आर्थिक गतिविधियां शुरू करना भी बहुत जरूरी था, लेकिन अनलॉक होने से लोग बाजारों में बहुत भीड़ न लगाएं। यह स्थिति खतरनाक हो सकती है। दिलों में दूरियां न हों, लेकिन शरीर की दूरी रखनी पड़ेगी।

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