मथुरा के बरसाना में 15 मार्च को होगी लट्ठमार होली, तैयारियां जोरों पर

मथुरा
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में राधारानी की नगरी कहे जाने वाले बरसाना में विश्व प्रसिद्ध लट्ठमार होली की तैयारियां जोर-शोर से की जा रही हैं। इस बार बरसाना में 15 मार्च और नंदगांव में 16 मार्च को लट्ठमार और कील होली खेली जाएगी। लट्ठमार होली के जरिये महिला सशक्तीकरण का नजारा भी दिखता है। कहा जाता है कि द्वापर युग में वस्त्रों पर भगवान श्रीकृष्ण के रंग डालने के बाद राधाजी ने छड़ी से उन्हें पीटा था। वक्त गुजरने के साथ ही अब छड़ी ने लाठी का रूप ले लिया है और इसी वजह से इसे लट्ठमार होली कहते हैं। 

लट्ठमार होली के लिए लाठियों को तेल में भिगोकर लचीला बनाया जाता है। इसके अलावा इन्हें चलाने वाली महिलायें ऊर्जा देने वाला भोजन ग्रहण करती हैं। गोप अपने हाथ में बेंत के बने ढाल लिए रहते हैं और इस ढाल पर लाठी बरसायी जाती है।  नंदगांव के हुरिहार यतीन्द्र तिवारी ने बताया कि लट्ठमार होली से पहले राधाजी की सहचरी के तौर पर एक महिला बरसाना से यहां आती है। वह अपने साथ हांडी में गुलाल, दक्षिणा, वस्त्र, इत्र और पान का बीड़ा वगैरा भी साथ लाती हैं और लोगों को लट्ठमार होली में आने के लिए निमंत्रण देती हैं। 

तिवारी ने बताया कि लाडली जी के मंदिर से आए गुलाल को श्रीकृष्ण के चरणों में रखने के बाद मंदिर के सेवायत से होली खेलने की आज्ञा ली जाती है। लट्ठमार होली के दिन हुरिहार नंदभवन में एकत्र होते हैं और यहां के मंदिर में माता यशोदा से आज्ञा लेने के बाद भगवान श्रीकृष्ण की ध्वजा लेकर रास गाते हुए बरसाना जाते हैं।  बरसाना के निवासी पवन शर्मा ने बताया कि नंदगांव के हुरिहार जब बरसाना के पीली पोखर पहुंचते हैं तो मिलनी और ठंडाई से उनका स्वागत होता है। फिर वे लाडली जी के मंदिर जाते हैं। जहां गायन के बाद रंगीली गली में लट्ठमार होली खेली जाती है।  लट्ठमार होली सूर्य के अस्त होने तक जारी रहती है। इसके अगले दिन नंदगांव में कील होली होती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *