मतदाताओं को बनाकर देंगे नि:शुल्क रंगीन मतदाता परिचय पत्र: वीएल कांताराव

भोपाल
प्रदेश के 74 लाख मतदाताओं को ब्लैक एण्ड व्हाईट परिचय पत्र के स्थान पर नए रंगीन मतदाता परिचय पत्र नि:शुल्क प्रदाय किए जाएंगे। वहीं 1 जनवरी 2020 को 18 वर्ष की उम्र पूरी करने वाले नए मतदाताओं के नाम जोड़ने के लिए भी पंद्रह अक्टूबर से अभियान शुरु किया जाएगा।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव ने बताया कि प्रदेश में 74 लाख मतदाताओं के पास पुराने ब्लैक एण्ड व्हाईट और पुराने डिजिट वाले मतदाता परिचय पत्र है। अब इन मतदाताओं को नि:शुल्क रंगीन मतदाता परिचय पत्र बनाकर दिए जाएंगे। इसके लिए उन्हें अपने बीएलओ को फार्म 8 और रंगीन फोटो उपलब्ध कराना होगा।  एक सितंबर से पंद्रह अक्टूबर के बीच मतदाता सत्यापन का कार्य भी शुरु  किया जाएगा। बीएलओ  मतदान क्षेत्र में भ्रमण कर वे मतदाता सत्यापन कार्य करेंगे।  इसके तहत मतदाताओं के मतदाता सूची में दर्ज विवरण का सत्यापन किया जाएगा।एनवीएसपी पर भी मतदाताओं को इसके लिए सुविधा दी जाएगी। वोटर हेल्पलाइन एप से भी मतदाता विवरण की जांच कर सकते है और त्रुटि मिलने पर क्लिक कर संशोधन का फार्म आॅनलाइन जमा कर सकेंगे। मतदाताओें को मतदाता सहायता केन्द्रों पर और जिले में स्थापित कांटेक्ट सेंटर 1950 पर भी यह सुविधा मिलेगी।

मतदाता सूची का पुनरीक्षण पूर्व गतिविधियां एक सितंबर से पंद्रह दिसंबर के बीच होंगी। बीएलओ घर-घर जाकर सत्यापन एक सितंबर से तीस सितंबर के बीच करेंगे। सोलह सितंबर से पंद्रह अक्टूबर के बीच मतदान केन्द्रो के युक्तियुक्तकरण और मतदान केन्द्र भवनों का भौतिक सत्यापन होगा। 15 अक्टूबर से 30 नवंबर तक ली जाएंगी। विशेष्ज्ञ कैंप दो नवंबर से 3 नवंबर और 9 नवंबर से 10 नवंबर के बीच पूरे प्रदेश में लगाए जाएंगे।

दावे आपत्तियों का निराकरण 15 दिसंबर से पूर्व होगा।मतदाता सूची का अंतिम प्रमाधन 25 दिसंबकर से पूर्व और डेटाबेस अद्यतन कर पूरक सूची का प्रकाशन 31 दिसंबर से पूर्व होगा। निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन 1 जनवरी 2020 से 15 जनवरी 2020 के बीच किया जाएगा। उन्होंने बताया कि झाबुआ में पांद दिसंबर के पहले मतदान होना है। इसके लिए मतदाता सूची को अद्यतन करने का काम जारी है। मतदान केन्द्रों के हिसाब से दुगनी ईवीएम वहां लगाई जाएंगी।

उन्होंने बताया कि फोटोयुक्त मतदाता सूची के सतत अद्यतन के दौरान  लोकसभा चुनाव के बाद से अब तक नाम जोड़ने के लिए एक लाख 14 हजार, हटाने के लिए 1 लाख 56 हजार, संशोधन के लिए 2 लाख 7 हजार और स्थानांतरण के लिए 17 हजार इस तरह कुल 4 लाख 94 हजार आवेदन मिले है इसमें से 4 लाख 49 हजार का निराकरण किया जा चुका है।

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