मकर संक्रांति की शुभकामनाओं की आड़ में क्या संदेश दे गए शिवराज सिंह चौहान

भोपाल 
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया पर लोगों को मकर संक्रांति की शुभकामना के ज़रिए क्या एक संदेश भी दिया है. संकेत तो कुछ ऐसे ही दिख रहे हैं. लेकिन अपने उस संकेत के कारण वो फौरन ही ट्रोल हो गए.

शिवराज सिंह चौहान सुबह-सुबह अपनी एक पोस्ट से ट्रोल हो गए. वो ट्वीटर पर जनता को मकर संक्रांति की शुभकामना दे रहे थे, लेकिन लोगों का ध्यान उनके संदेश के बजाए उनके बैकग्राउंड पर ज़्यादा गया. दरअसल शिवराज ने शुभकामना संदेश के साथ अपनी जो फोटो पोस्ट की उसमें उनके पीछे बीजेपी के वेटरन लीडर लालकृष्ण आडवाणी की फोटो रखी दिखाई दे रही थी. बस फिर क्या था, ट्वीट आते ही लोगों ने कमेंट करना शुरू कर दिया.

लोगों ने इस फोटो को अपने-अपने नज़रिए से देखा और कमेंट किया. लेकिन इस फोटो का सच क्या है. क्या ये बस इत्तिफाक है कि शिवराज ने अपनी वो तस्वीर पोस्ट की जिसमें पीछे लालकृष्ण आडवाणी की तस्वीर दिखायी दे रही है या फिर उन्होंने पार्टी को इसके ज़रिए ये बताने की कोशिश कि अब भी उनके राजनीतिक गुरु तो आडवाणी साहब ही हैं. विधानसभा चुनाव के बाद एकाएक हाशिए पर डाले जा रहे शिवराज सिंह चौहान को क्या अब अपने पुराने आका याद आ रहे हैं.

शिवराज सिंह चौहान लालकृष्ण आडवाणी खेमे के माने जाते हैं. शुरुआती दौर में और फिर बाद में जब आडवाणी जी नेपथ्य में डाले जा रहे थे तब भी शिवराज सिंह चौहान ने हमेशा लालकृष्ण आडवाणी के प्रति अपनी निष्ठा जताई थी. लेकिन पिछले कुछ समय में शिवराज ने आडवाणीजी का ज़िक्र कभी भी सार्वजनिक रूप से नहीं किया.

कांग्रेस का कहना है लालकृष्ण आडवाणी ने भाजपा की पूरी पौध तैयार की.लेकिन उसी पौध ने उन्हें दरकिनार कर दिया.पूर्व मुख्यंमत्री के कार्यक्रमों में भी आडवाणी की तस्वीर कम ही देखने मिलती थी.अब जब सत्ता चली गई है..तब शिवराज सिंह को आडवाणी की याद सताने लगी है.

पूर्व सीएम के ट्रोल पर भाजपा का कहना है आडवाणी की तस्वीर पर ट्रोल होने जैसे की कोई बात नहीं है. हर जगह अपने नेताओं की तस्वीर होती है. आडवाणीजी वरिष्ठ नेता हैं. उन्होंने पार्टी को खड़ा किया, सैकड़ों नेता तैयार किए हैं. उनका हमेशा हम लोग सम्मान करते हैं.

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