मंदिर में जाने के बजाए गोठान में जाकर आर्शिवाद लिया नये जोड़े ने

बिलासपुर। विवाह की पंरपरा अनुसार शादी के बाद नव जोड़ा भगवान के मंदिर जाकर आर्शिवाद लेता है लेकिन बिलासपुर निवासी विष्णु-पूनम जब विवाह बंधन में बंधे तो वे आशिंर्वाद लेने मंदिर के बजाए गोठान चले गए जहां उन्होंने गाय के चरण छू-कर गो-माता का आर्शिवाद लिया।
दो दिन पूर्व 30 जून को बिलासपुर निवासी विष्णु का विवाह  इसी शहर की रहने वाली पूनम से हुआ।  विष्णु ने बताया कि परिवार की परम्मपरानुसार  शादी के बाद दूल्हा और दुल्हन को भगवान से आशीर्वाद लेने मंदिर जाना होता है। लेकिन मैने मंदिर से पहले गौशाला जाने की अपनी इच्छा परिवार जनों के सामने जाहिर की। माता पिता को बताया कि उसके लिए गौशाला ही मंदिर और गौसेवा सबसे बड़ा धर्म है। माता -पिता की आज्ञा लेकर पत्नी नीलम के साथ श्याम टाकीज के पास पशु चिकित्सालय स्थित गौठान पहुंचा। गाय माता का चरण स्पर्ण कर दोनों ने आजीवन गौ सेवा का आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर दोनों परिवार के परिजन भी उपस्थित थे।
गौशाला की देखरेख करने वाले गौसेवक विपुल शर्मा विष्णु के अच्छे दोस्त हैं। विपुल ने बताया कि विष्णु के पिता अटल विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक है। पिता भी गौसेवा कार्य को समर्पित है। इसका असर विष्णु पर  भी पड़ा। विपुल ने जानकारी दी कि पशु चिकित्सालय स्थित एक शेड के नीचे गाय की सेवा करते हैं। यहां ज्यादातर एक्सीडेन्टल एक्सीडेंटल गायों को रखकर इलाज किया जाता है। गायों के लिए चारा भूसा की व्यवस्था हम लोग मिलकर निजी स्तर पर करते हैं। जब भी शहर में कोई गाय जख्मी हो जाती है। लोग यहां पहुंचा देते हैं। हम लोग बिना किसी स्वार्थ के निजी खर्च पर इलाज के साथ गाय के लिए खाना पीना की व्यवस्था करते हैं।
नीलम और विष्णु ने गौशाला पहुंचने के बाद वहां कथा का भी श्रवण किया। इसके बाद इस नव दंपत्ती ने  गाय सेवा का आजीवन संकल्प लिया।  विधि विधान से पूजा पाठ के बाद दोनों ने शादी के मंत्रोच्चार के बीच एक दूसरे दूसरे को वरमाला पहनाई। 

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