मंदिरों और चर्चों का ‘मार्गदर्शन’ करेगी कम्युनिस्ट पार्टी

पेइचिंग
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं ने धार्मिक संस्थानों को मार्गदर्शन देना का फैसला किया है, ताकि वे 'समाजवादी देश के लिए खुद को बेहतर ढंग से ढाल सकें।' यह फैसला चाइनीज पीपुल पॉलिटिकल कंसलटेटवि कॉन्फ्रेंस की नैशनल कमिटी की मीटिंग में लिया गया। इस मीटिंग में चीन में मंदिरों और चर्च के प्रबंधन को लेकर चर्चा की गई। यह जानकारी चीन की न्यूज एजेंसी शिन्हुआ न्यूज के हवाले से मिली है।

कम्युनिस्ट पार्टी के पॉलिटिकल ब्यूरों की सबसे ताकतवर स्टैंडिंग कमिटी के सदस्य के नेतृत्व में यह फैसला लिया गया। कमिटी के सदस्य ने कानून के अनुसार मंदिरों और चर्चों के प्रबंधन में सुधार और नवाचार करने के प्रयासों के लिए भी कहा।

इसमें बौद्ध और ताओवादी मंदिरों को लेकर विशेष चर्चा की गई, जहां हाल के दिनों में आने वाले लोगों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। पार्टी में इस बात को लेकर भी चर्चा की गई है कि अमीर चीनी लोगों का एक समूह आध्यात्म की तरफ अधिक रूचि दिखा रहा है। पार्टी ने पिछले दिनों अपने सदस्यों को धार्मिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने को लेकर चेतावनी दी थी।

बता दें कि चर्च और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी कई मौकों पर एक-दूसरे के फैसले का रोक कर चुकी है। चीनी पार्टी का चर्चो से इस बात को लेकर खासा विरोध रहता है कि कैथलिक चर्चों में बिशप की नियुक्ति पर पोप अंतिम फैसला लेते हैं। चीन ने कुछ चर्चों में वेटिकन द्वारा बिशप की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है।

कमिटी द्वारा धार्मिक संस्थानों का मार्गदर्शन करने का फैसला यह दिखाता है कि पार्टी संस्थाओं की कई चीजों से खुश नहीं है। साथ ही धार्मिक कार्यक्रमों में देश भक्ति और समाजवाद के कार्यक्रम को महत्व देने पर जोर दिया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *