भ्रष्टाचार के खिलाफ की कार्रवाई तो करवा दिया तबादला, हाईकोर्ट से मिली राहत

सीधी
मध्यप्रदेश के शहडोल में एक कार्यपालन अभियंता को भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्यवाही करना महंगा पड़ गया। आपको बता दे कि शहडोल बिजली विभाग में कई अधिकारी और कर्मचारी बिजली विभाग के राजस्व को चुना लगाने और बिजली विभाग को नुकसान पहुंचाने का कार्य कर रहे थे। जैसे ही इसकी सूचना कार्यपालन अभियंता अशोक कुमार शुक्ला को मिली उन्होंने दोषियों पर कार्यवाही करना शुरू किया ही था कि कुछ लोगो द्वारा अपने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए कार्यपालन अभियंता अशोक शुक्ला के ऊपर कई आरोप लगाकर उन्हें फंसाने की कोशिश की गई। तो वही बिना किसी कारण के दोषियो को बचाने और भ्रष्टाचार का खुलासा न हो इसके लिए अशोक कुमार का तबादला करवा दिया गया था।

अशोक कुमार शुक्ला ने बताया कि 3 सहायक अभियंता, 2 कनिष्ठ अभियंता ,कार्यालय सहायक श्रेणी 2 व अन्य अधिकारी व कर्मचारियो के द्वारा लगातार विभिन्न प्रकार की कई अनियमितताएं गंभीर किस्म की वित्तीय व आर्थिक अनिमितता, विद्युत लाइन निर्माण से संबंधित कई सामग्री की हेरा फेरी व लेखा जोखा न रखना, फर्जी भुगतान प्राप्त कर लेना, किसान के खेत में स्वीकृत ट्रांसफार्मर न लगाकर शिव शरण तिवारी के खेत में लगाया जाना नियम के विरुद्ध शिफ्ट कर देना , ठेकेदारों को बिना गेट पास के अवैधानिक रूप से सामग्री देना जैसे भ्रष्टाचार,स्वभेव कार्यालय में रखी गई राशि 175000 को ले लेना, समस्याओं का निराकरण न किया जाना और विभागीय जीप का दूरप्रयोग करना आदि मामलों में जब कार्यपालन अभियंता को सूचना मिलते ही संबंधित अधिकारी व कर्मचारियों पर कार्यवाही की जाने लगी तो भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी कर्मचारी एक जुट होकर कार्यपालन अभियंता के ऊपर दबाव बनाने के लिए षड्यंत्र पूर्वक हरिजन एक्ट व महिला उत्पीड़न का शिकायत कर कार्यपालन अभियंता अशोक शुक्ला को शहडोल से हटवाने और दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है वही कार्यपालन अभियंता अशोक शुक्ला का तबादला दूसरे जगह कर दिया गया था ताकि मामले को दबाया जा सके लेकिन तबादले के विरुद्ध अशोक शुक्ला द्वारा हाइ कोर्ट में अपील की गई जहाँ से उनका तबादला रोके जाने का स्टे ऑर्डर प्राप्त हुआ

कार्यपालन अभियंता अशोक शुक्ला का तबादला शहडोल से हटाकर दूसरे जगह पर कर दिया गया था जिसको लेकर अशोक शुक्ला हाइ कोर्ट में तबादला रुकवाने का गुहार लगाया जिसके बाद माननीय न्यायालय के द्वारा कार्यपालन अभियंता अशोक कुमार शुक्ला के तबादले पर रोक लगाते हुए स्टे ऑर्डर तो मिल गया लेकिन शहडोल बिजली विभाग के अधिकारियों के द्वारा हाइ कोर्ट जबलपुर के माननीय न्यायालय के आदेश की खुले आम धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे है स्टे ऑर्डर मिलने के बाद भी कार्यपालन अभियंता अशोक कुमार शुक्ला को अब तक शहडोल बिजली विभाग के अधिकारियों ने ज्वाइनिंग नही दिया।

कार्यपालन अभियंता अशोक कुमार शुक्ला ने शहडोल पुलिस अधीक्षक और थाना प्रभारी को आवेदन देकर अपने ऊपर लगे हुए हरिजन एक्ट महिला उत्पीड़न  आरोपो की निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग की है अशोक कुमार शुक्ला ने कहा है कि जांच में सच्चाई सामने आ जायेगी क्योकि मेरे ऊपर लगे आरोप एक षड्यंत्र के तहत लगवाया गया लेकिन कहते है कि जीत सच्चाई की होती है इसलिए हमारे द्वारा खुद पुलिस अधीक्षक महोदय को आवेदन देकर जांच कराए जाने का निवेदन किया गया.

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