भोपाल से दिग्विजय को उतारना कांग्रेस की भूल? हुआ दोहरा नुकसान

भोपाल
लोकसभा चुनावों में बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के हाथों दिग्गज कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह की हार के बाद कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल उठने लग गए हैं। दिग्विजय के समर्थकों ने उनकी इच्छा के विपरीत भोपाल से टिकट दिए जाने पर कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। पार्टी नेतृत्व के इस फैसले से कांग्रेस को भोपाल के साथ ही परंपरागत राजगढ़ सीट से भी हाथ धोना पड़ा।

 

कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के अनुसार दिग्विजय सिंह भोपाल से चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे। टिकट देने से पहले उनसे सलाह भी नहीं ली गई। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मीडिया के सामने दिग्विजय को भोपाल से टिकट दिए जाने की घोषणा कर दी। उनके अनुसार बीजेपी का गढ़ रही भोपाल जैसी टफ सीट पर किसी मजबूत कैंडिडेट को उतारना चाहिए।

'भोपाल पर नहीं ली गई दिग्विजय से सलाह, पार्टी नेतृत्व के कहने पर लड़े'
बाद में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जब खुद दिग्विजय से भोपाल से चुनाव लड़ने को कहा, तो वह मान गए। करारी हार के बाद यहां से लड़ने के बारे में पूछे जाने पर दिग्विजय ने कहा, 'मैं कांग्रेस का एक सामान्य कार्यकर्ता हूं। मुझे जहां से चुनाव लड़ने को कहा गया, वहां से चुनाव लड़ा।' गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से 28 पर बीजेपी ने जीत दर्ज की, जबकि छिंदवाड़ा की केवल एक सीट पर कांग्रेस के खाते में गई।

'राजगढ़ से लड़ते दिग्विजय तो कांग्रेस की जीत पक्की थी'
सूत्रों के अनुसार दिग्विजय सिंह राजगढ़ सीट से लड़ने के लिए टिकट मांग रहे थे, लेकिन उनकी मांग को अनसुना कर भोपाल से लड़ने का निर्देश दे दिया गया। कांग्रेस के नेताओं के अनुसार अगर दिग्विजय को राजगढ़ से टिकट मिला होता तो यहां उनकी जीत पक्की थी। मोदी लहर के बावजूद वह यहां से जीत दर्ज कर लेते।

सूत्रों के अनुसार, 'राजगढ़ दिग्विजय का मजबूत गढ़ है। वह क्षेत्र में हर किसी को पहचानते हैं और 10 सालों के कार्यकाल के दौरान उन्होंने यहां के लोगों की हर संभव मदद की है। पंच, सरपंच से लेकर आम जनता तक उनकी पहुंच थी और किसी के लिए भी उनके दरवाजे बंद नहीं होते थे। वह किसी भी सूरत में राजगढ़ से हार नहीं सकते थे।' हालांकि कुछ लोगों का यह भी कहना है कि जिस 'मोदी सुनामी' में राहुल गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे नेता अपनी सीट नहीं बचा सके, उसमें दिग्विजय के बारे में भी कुछ कहा नहीं जा सकता है।

बता दें कि भोपाल से दिग्विजय सिंह को साध्वी प्रज्ञा ने 3,64,822 मतों के अंतर से चुनाव हरा दिया। दिग्विजय को जहां 5,01,660 वोट मिले, वहीं साध्वी को 8,65,212 वोट हासिल हुए। वहीं राजगढ़ से बीजेपी के रोडमल नागर ने कांग्रेस के टिकट पर लड़ रहीं मोना सुस्तानी को लगभग साढ़े चार लाख वोटों के अंतर से हरा दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *