भोपाल सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के एक अरब डुबोने वाले 13 लोगों पर चलेगा मुकदमा

भोपाल
मध्य प्रदेश सरकार भोपाल सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के तत्कालीन एमडी आरएस विश्वकर्मा और अध्यक्ष जीवन सिंह मैथिल समेत तेरह लोगों पर जल्द ही मुकदमा दर्ज कराएगी. इन सब को बैंक के 118 करोड़ रुपए डुबाने का जिम्मेदार माना जाता है. मुकदमा दर्ज करने के लिए आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) को शासन की ओर से सहमति मिल गई है.

बताया जाता है कि आरबीआई और नाबार्ड के निर्देशों को ताक पर रखकर इन अधिकारियों ने मिलीभगत कर निजी क्षेत्र की वित्तीय संस्थाओं में 331 करोड़ रुपए का निवेश कर दिया. इस राशि में से 112 करोड़ आईएलएफएस नाम की उस संस्था में निवेश किया जो पहले से प्रतिबंधित थी. आईएलएफएस नाम की उस कंपनी के कर्ताधर्ता पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं.  बैंक ने 150 करोड़ रुपए का निवेश अडानी ग्रुप में भी किया है. शेष तीन कंपनियों में बाकी रकम रखी गई. इन निवेशों का निर्णय 2016-17 में लिया गया था.

हाल ही में तत्कालीन एमडी व वर्तमान में सहकारिता उपायुक्त विश्वकर्मा को शासन ने निलंबित कर दिया है. अब तत्कालीन बोर्ड के अन्य सदस्यों पर भी कार्रवाई की तैयारी है. तत्कालीन अध्यक्ष जीवन सिंह मैथिल का कहना है कि निवेश करने के 7-8 माह बाद बोर्ड को जानकारी दी गई. इसके बाद भी हमने यही कहा कि आरबीआई और नाबार्ड के निर्देशों के आधार पर ही निवेश किया जाए. अब इन्होंने जांच क्या की है, इस बारे में सूचना के अधिकार में जानकारी मांगी गई, लेकिन नहीं मिली. लिहाजा कोर्ट गए हैं. वहां बताया कि बिना हमें सुने ही जांच हो गई है। आगे जो भी होगा, उसका जवाब देंगे.

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