भोज की जमीन पर बना विक्रम विवि का राजनीति का अखाड़ा

भोपाल 
भोज मुक्त विश्वविद्यालय के एक दैनिक वेतन भोगी मंगल तिवारी पर विक्रम विवि के शिक्षक राजनीति खेलने लगे हैं। इसके लिए मंगल तिवारी के खिलाफ बनी जांच में दो अधिकारियों ने अपने इस्तीफे विवि को भेज दिए हैं। उन्होंने इस्तीफे विवि में चल रही राजनीति के चलते दिए हैं। 

भोज विवि ने विक्रम विवि के एमबीए विभागाध्यक्ष धर्मेंद्र मेहता, रीडर डीडी वेदिया एमबीए और डिप्टीर रजिस्ट्रार आरके बघेल को दैवेभो तिवारी की जांच सौंपी रखी है। तिवारी पर रुपए लेने के आरोप हैं। बीस मार्च को बनी कमेटी को 15 दिनों में जांच रिपोर्ट तैयार कर भोज विवि को सौंपना था, लेकिन कमेटी आज तक उसकी रिपोर्ट तक तैयार नहीं कर सके हैं। भोज विवि की कमेटी में विक्रम विवि की राजनीति प्रवेश कर गई है। रीडर वेदिया प्रकरण में में जबरिया पूर्व रीजनल डायरेक्टर कमारान सुल्तान को नाम शामिल करना चाहते हैं। इसलिए एचओडी मेहता और डीआर बघेल ने कमेटी से अपना इस्तीफा दे दिया है। दोनों ने अपने इस्तीफे में कार्य की अधिकता होना बताया है। इसे देखते हुए रजिस्ट्रार एचएस त्रिपाठी ने कमेटी से जांच से संबंधित सभी दस्तावेज मांग लिए हैं। 

सुल्तान से पुराना बैर 
रीडर वेदिया का पूर्व आरडी सुल्तान का पूर्व से विवाद है। वे सुल्तान को जबरिया जांच में फंसा कर उसके खिलाफ भोज विवि की तरफ से एक्शन कराना चाहते हैं। विवि पहुंची शिकायतों में कहीं भी सुल्तान का नाम शामिल नहीं किया है। जांच के दौरान शिकायतकर्ता को कई पत्र जारी किए गए, लेकिन शिकायतकार्ता कमेटी के सामने प्रस्तुत नहीं हो सका है। शिकायतकर्ता नाम का व्यक्ति पूरे उज्जैन में मौजूद ही नहीं हैं। इसके बाद भी कमेटी जबरिया 15 दिन में पूरी होने वाली जांच में दो माह से ज्यादा का समय व्यतीत कर चुकी है। 

अस्थायी लोगों को सौंपी जांच 
कुलपति जयंत सोनवलकर ने दैवेभो तिवारी की जांच करने तीन सदस्यीय कमेटी बनाई थी। कमेटी में एचओडी मेहता और रीडर वेदिया अस्थायी शिक्षक हैं। सिर्फ डीआर नियमित अधिकारी हैं। जानकारों के मुताबिक विवि नियमित ही लोगों से जांच करा सकता है। अस्थायी लोगों को जांच में कभी भी शामिल नहीं किया जा सकता। 

राजभवन और शासन को किया अनदेखा 
दैवेभो की शिकायत राजभवन और उच्चशिक्षा विभाग तक से की गई है। दोनों ने 15 दिनों में जांच पूरी करने के आदेश दिए थे, लेकिन इसके बाद भी कमेटी दो माह से ज्यादा के समय में जांच पूरी नहीं कर सकी है। इसकी वजह उज्जैन के शिक्षकों का आपसी बैर बताया गया है। कुछ दिनों पूर्व रीडर वेदिया और पूर्व आरडी सुल्तान के बीच कुलपति बालकृष्णा शर्मा के बीच काफी विवाद भी हुआ था।  

जांच कमेटी के दो सदस्यों ने अपना इस्तीफा विवि भेज दिया है। इसलिए कमेटी से जांच से संबंधित सभी दस्तावेज मांगा लिए हैं। दस्तावेजों के परीक्षण के बाद विवि दैवेभो तिवारी के संबंध में उचित कार्रवाई करेगा। 
एचएस त्रिपाठी, रजिस्ट्रार, भोज मुक्त विवि 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *