भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह की जोड़ी है दमदार

धर्मशाला 
साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज में भारतीय टीम में भुवनेश्वर कुमार की वापसी हुई है। भुवनेश्वर काफी समय से चोटिल थे और इसी वजह से वह टीम से बाहर थे। अब जब साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में मोहम्मद शमी को नहीं चुना गया है तो ऐसे में भुवी का बुमराह के साथ गेंदबाजी आक्रमण की कमान संभालना तय नजर आ रहा है। 

स्विंग है भुवी की ताकत 
भुवी का ताकत है गेंद को स्विंग कराना। वह एक ऐसे गेंदबाज हैं जो रफ्तार और स्विंग का अच्छा मेल कायम रख सकते हैं। धर्मशाला की परिस्थितियां स्विंग गेंदबाजी के मुफीद हैं और भुवी इसका फायादा उठा सकते हैं। 140 kmph से अधिक की रफ्तार से गेंद फेंकने के बाद भी वह दोनों ओर गेंद को स्विंग करा सकते हैं। वहीं बुमराह चोट से वापसी के बाद अपने पुराने रंग में नहीं दिख रहे हैं। न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के तीनों मैचों में वह कोई भी विकेट हासिल नहीं कर पाए। अंतरराष्ट्रीय करियर का आगाज करने के बाद यह पहला मौका है जब बुमराह की धार थोड़ी कुंद नजर आ रही है। इन हालात में भुवी की जिम्मेदारी बढ़ जाती है हालांकि उनसे ज्यादा उम्मीद करना थोड़ा ज्यादा होगा क्योंकि वह भी ब्रेक के बाद वापसी कर रहे हैं। 

यह जोड़ी है दमदार 
भुवनेश्वर कभी सीमित ओवरों के खेल में भारतीय टीम प्रबंधन की पहली पसंद हुआ करते थे लेकिन चोट और नए गेंदबाजों के आने से वह पीछे जाते गए। बुमराह और भुवनेश्वर ने जब से खेलना शुरू किया तब से दोनों साथ 41 वनडे इंटरनैशनल मैच साथ खेले हैं। भारतीय टीम ने 31 मैच जीते हैं और 10 मुकाबले हारे हैं। वहीं जब दोनों में से एक गेंदबाज खेला है तो यह रेकॉर्ड 19-9 का रहा है। वहीं जब दोनों नहीं खेले हैं तो नंबर 5-4 का है। 

डि कॉक औसत है बढ़िया 
साउथ अफ्रीका के कप्तान और विकेटकीपर बल्लेबाज क्विंटन डि कॉक ने भारत के खिलाफ 60.3 के औसत से रन बनाए हैं। यह भारत के खिलाफ 500 या उससे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों में दूसरा सर्वश्रेष्ठ औसत है। 
 

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