भुजंगासन से कम होगी बाहर निकली तोंद

योग न सिर्फ व्यायाम की प्राचीन पद्धति है बल्कि यह कई बीमारियों का समाधान भी है। इन्हें करने से हमारे शरीर को ऊर्जा मिलती है और लचीलापन भी बढ़ता है। कई प्रमुख योगासनों में से एक है भुजंगासन। इसे करने से पेट की चर्बी कम होती है और रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है। इसके अलावा दमा, पुरानी खांसी या फेफड़ों संबंधी अन्य बीमारी में इस आसन को करने से आराम मिलता है। इससे बाजुओं में भी ताकत आती है। नीचे दिए Video लिंक में योग गुरु बाबा रामदेव को देख खुद जानिए इस आसन को करने का सही तरीका।

आसन करने का तरीका
इस आसन को करने के लिए जमीन पर पेट के बल लेट जाएं। चेहरा ठोड़ी पर टिकाएं कोहनियां कमर से चिपकाकर रखें और हथेलियों को ऊपर की ओर करके रखें। दोनों हाथों को कोहनी से मोड़ते हुए आगे लाएं और बाजुओं के नीचे रखें।

अब ठोड़ी को गर्दन के साथ चिपकाते हुए माथे को जमीन पर लगाएं नाक जमीन को छू रही हो। धीरे-धीरे सांस अंदर लेते हुए हथेलियों के बल सिर और शरीर का अगला भाग ऊपर की ओर उठाएं। सिर को जितना पीछे ले जा सकते हैं ले जाएं। ध्यान रखें कि आपका पेट और नाभि जमीन से लगा रहे।

इस स्थिति में 30 सेकेंड तक रुकना है। शुरुआत में ऐसा न कर पाएं, तो उतनी देर करें जितनी देर आराम से कम पा रहे हैं। बाद में सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे सिर को नीचे लाकर ठोड़ी को जमीन पर रखें और हाथों को पीछे ले जाकर ढीला छोड़ दें।

इसके दूसरे हिस्से में दोनों हथेलियों को सामने की ओर लाकर ठोड़ी के नीचे रखें। अब पहले की तरह सांस धीरे-धीरे लेते हुए सिर से शरीर को ऊपर की ओर उठाएं। कंधे से कमर तक का हिस्सा हथेलियों के बल पर ऊपर उठाएं। इस अवस्था में 30 सेकेंड तक रहना है और फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए वापस उसी अवस्था में लौट आएं।

सावधानी : इस आसन को करते समय शरीर को कमर से उतना ही पीछे ले जाएं जितना आसानी से हो सके। लचीलापन एकदम से नहीं आएगा, अनावश्यक दबाव डालने से पीठ, छाती, कंधे या हाथों की मांस-पेशियों में दर्द हो सकता है। पीठ या कमर में ज्यादा दर्द हो तो भी यह आसन नहीं करना चाहिए।

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