भारत सरकार चीन को देगी एक और बड़ा झटका, अब भारत ने चीन को कूटनीति मोर्चे पर घेरा 

 नई दिल्ली
चीन को सबक सिखाने के लिए भारत उसे सामरिक और आर्थिक दोनों मोर्चों पर घेर चुका है। अभीतक लद्दाख में हेकड़ी दिखा रहे चीन के 59 ऐप्स पर भारत में बैन लगने के बाद ड्रैगन हकलाने लगा है। नई दिल्ली ने चीन को घेरने के लिए अब कूटनीतिक हथियार भी उठा लिया और अबतक हॉन्ग कॉन्ग में चीन के नए सुरक्षा कानून पर चुप्पी साधने वाले भारत ने इशारों में इस कानून पर सवाल उठाए हैं और दो टूक सुना दिया है।
 बुधवार को जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में भारत ने कहा कि हॉन्ग कॉन्ग को स्पेशल एडमिनिस्ट्रेटिव रीजन बनाना चीन का घरेलू मामला है लेकिन भारत हाल की घटनाओं पर करीबी नजर रखे हुए है। जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजीव चंदर ने कहा, 'हम हाल की इन घटनाओं पर चिंता जताने वाले कई बयान सुन चुके हैं। हमें उम्मीद है कि संबंधित पक्ष इन बातों का ध्यान रखेंगे और इसका उचित, गंभीर और निष्पक्ष समाधान करेंगे।' हालांकि भारत ने अपने बयान में चीन का नाम नहीं लिया।
 
लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के धोखे का बदला लेने के लिए भारत हर तरीका अपना रहा है। एक तरफ सीमा पर हमारे सैनिकों ने चीन को मुंह तोड़ जवाब दिया तो दूसरी ओर सरकार ने भी चीन पर आर्थिक चोट करने के मकसद से सरकारी टेलिकॉम कंपनियों से किसी भी चीनी कंपनी के इक्विपमेंट्स का इस्‍तेमाल ना करने को कहा है। लेकिन कुटिल चीन को सबक सिखाने के लिए भारत और क्या कर सकता है? इस वीडियो में आपको बताएंगे चीन की तीन ऐसी बड़ी कमजोर नब्ज जिन्हें अगर भारत दबा दे तो ड्रैगन तिलमिला जाएगा।
 
भारत ने यह बयान दुनिया में मानवाधिकार स्थिति पर हो रही चर्चा के दौरान दिया। भारत ने पहली बार हॉन्ग कॉन्ग के मुद्दे पर बोला है। वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के आक्रामक रवैये और पिछले महीने गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद भारत का यह बयान आया है। दोनों देशों के पिछले एक महीने से ज्यादा वक्त से लद्दाख में तनाव चल रहा है।

चीन संग तकरार में अमेरिका खुलकर भारत के साथ आया
भारत का यह बयान अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के बयान वाले दिन ही आया है जिसमें उन्होंने भारत में चीनी ऐप्स पर बैन का समर्थन किया था। पोम्पियो ने कहा था कि कि भारत का क्लीन ऐप नजरिये से उसकी संप्रभुता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत होगी।

UNHRC में 27 देशों ने हॉन्ग कॉन्ग पर चीन को घेरा
सूत्रों के अनुसार, अमेरिका चाहता है कि भारत हॉन्ग कॉन्ग के मुद्दे पर चीन पर बोले। हॉन्ग कॉन्ग में चीन के नए कानून में वहां के लोगों के मानवाधिकार उल्लंघन की बात कही जा रही है। UNHRC में 27 देशों ने चीन से हॉन्ग कॉन्ग में लागू किए गए नए कानून पर फिर से विचार करने को कहा है।

Quad देशों में केवल भारत ने अबतक साध रखी थी चुप्पी
Quad (भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया का समूह) राष्ट्रों में केवल भारत ही एक ऐसा देश है जिसने हॉन्ग कॉन्ग के मुद्दे पर अभीतक कुछ नहीं बोला है। ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा ने चीन के नए कानून की आलोचना की है। जापान ने भी फ्री और खुले हॉन्ग कॉन्ग का समर्थन किया है। भारत एकमात्र ऐसा Quad देश है जिसने इस मुद्दे पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया।

सामरिक मामलों के विशेषज्ञ ब्रह्म चेलानी ने ट्वीट कर कहा, 'चीन हॉन्ग कॉन्ग में UN संधि का उल्लंघन कर रहा है लेकिन भारत ने इस मुद्दे पर कुछ भी नहीं कहा। चीन में मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार पर भी भारत ने कोई बयान नहीं दिया। SCS में चीन के कार्यों पर भारत चुप रहा। लेकिन चीन ने जम्मू-कश्मीर का मसला UNSC में उठाया।'
 

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