भारत में मौसम के मिजाज में उथल-पुथल के पीछे है क्लाइमेट चेंज

 नई दिल्ली 
पिछले हफ्ते से मुंबई को बेहाल कर रही मूसलाधार बारिश भारत में मौसम के मिजाज में उथल-पुथल के ट्रेंड का हिस्सा है, जिसमें भीषण सूखे के बाद अचानक तबाही वाली मूसलाधार बारिश, बेमौसम बर्फबारी, बाढ़ जैसी घटनाएं शामिल हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि मौसम संबंधी इस तरह की घटनाओं के बार-बार होने की वजह क्लाइमेट चेंज यानी जलवायु परिवर्तन है। 

भारत काफी समय से अत्यंत खराब मौसम का गवाह बन रहा है। पिछला दशक अबतक का सबसे गर्म और सबसे सूखा दशक रहा, जिस दौरान 2014 और 2015 में लगातार 2 साल सूखा पड़ा। लेकिन उसी दौरान थोड़े ही वक्त के लिए मूसलाधार बारिश की तबाही भरी कई घटनाएं भी हुईं, जिससे 2005 में मुंबई, 2013 में उत्तराखंड, 2014 में कश्मीर और 2018 में केरल में बाढ़ का कहर टूटा था। 

इस साल मुंबई में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून देर से शुरू हुआ, जिस वजह से जून का करीब पूरा महीना सूखा-सूखा रहा। लेकिन महीने के आखिर में महज 2 दिनों के भीतर मुंबई में इतनी बारिश हुई जितना आमतौर पर पूरे जून में होता है। आईआईटी दिल्ली के सेंटर फॉर ऐटमॉस्फेरिक साइंसेंज के पूर्व प्रमुख एस. के. दास कहते हैं, 'ग्लोबल वार्मिंग की वजह से बारिश की फ्रिक्वेंसी के साथ-साथ तापमान के चरम पर पहुंचने जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं। भविष्य में भी ऐसी घटनाओं का बढ़ना जारी रहेगा।' उन्होंने कहा कि क्लाइमेट चेंज और किसी खास वेदर इवेंट के बीच संबंधों का मूल्यांकन करने के लिए वैज्ञानिक मॉडलों की जरूरत है। 

ग्लोबल वार्मिंग की वजह से तबाही वाली मूसलाधार बारिश होती है क्योंकि ज्यादा तापमान से वातावरण की नमी को सोखने की क्षमता बढ़ रही है। संयुक्त राष्ट्र की संस्था 'इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन 'क्लाइमेट चेंज' (IPCC) ने हाल ही में बताया था कि भारतीय उपमहाद्वीप में सूखे और बाढ़ दोनों ही घटनाओं के बढ़ने की उम्मीद है। यह स्थिति किसानों के लिए खासतौर पर खराब है। 

मौसम से जुड़े आधिकारिक आकड़े भी बताते हैं कि हाल के वर्षों में भारत काफी गर्म रहा है। IMD के मुताबिक, भारत में पिछली सदी में जब से मौसम संबंधी रेकॉर्ड रखे जाने लगे, तब से लेकर अब तक का छठा सबसे गर्म साल 2018 था। इतना ही नहीं, भारत में 15 सबसे गर्म सालों में से 11 तो पिछले 15 सालों (2004-1018) में से थे। पिछले 2 दशक (2001-2010, 2009 से 2018) भी अबतक के सबसे गर्म दशक रहे हैं। 
 

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