भारत में कोरोना: मां का देहांत हुआ, अस्थियां लेकर हरिद्वार जा सकता हूं? पढ़ें जरूरी सवालों के जवाब
नई दिल्ली
कोरोना वायरस अब लगभग पूरे भारत में पैर पसार चुका है। इस जानलेवा वायरस का संक्रमण रोकने के लिए पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन की घोषणा पीएम नरेंद्र मोदी कर चुके हैं। लॉकडाउन के कारण लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उनके जेहन में कई ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब हमने दिल्ली पुलिस से जाना। आइए जानते हैं कुछ सवाल और उनके जवाब..
जवाब-सामुदायिक स्थलों पर घूमने की सख्त मनाही है। मजबूरी है तो पालतू पशुओं को अपने घर के बाहर छोटे से दायरे में घुमा सकती हैं।
सवाल-हम मुंबई से अपना घर दिल्ली शिफ्ट कर रहे हैं। सारे सामान के साथ ट्रक हरियाणा में फंसा हुआ है। हमें ट्रक छुड़ाने के लिए क्या करना चाहिए? परिवार में एक बुजुर्ग और दो बच्चे हैं। उन्हें कपड़े की दिक्कत हो रही है?
हॉस्पिटल, हेल्पलाइन… कोरोना से जुड़ी हर मदद यहां
जवाब- लॉकडाउन का मतलब हर तरह की गतिविधि पर रोक लगाकर लोगों को घरों तक सीमित रखना है। हरियाणा अथॉरिटी ट्रक आगे नहीं बढ़ने देगी।
सवाल- मेरा चचेरा भाई फरवरी से ही एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती है। उसके पास हममें से किसी-न-किसी को उसके पास रहना होता है। क्या हमें उसके पास जाने की अनुमति दी जाएगी?
जवाब- हां, आप वहां जा सकते हैं। सिर्फ एक व्यक्ति को ही एम्स जाने चाहिए और जाते वक्त मेडिकल डॉक्युमेंट और अस्पताल से जारी अटेंडेंट कार्ड जरूर साथ रखें। फिर भी दिक्कत हो तो लोकल डीसीपी ऑफिस से पास मूवमेंट पास जारी करवा लें।
सवाल- मैं और मेरी पत्नी 60 वर्ष से ऊपर के और अकेले हैं। हमें रोजमर्रा की जरूरूतों के लिए कैश की जरूरत है। एटीएम थोड़ी दूर पर है। क्या हमें जाने दिया जाएगा?
जवाब- आप अपने नजदीकी एटीएम जा सकते हैं। अगर आपको दिक्कत हो रही है तो आप 1291 और 112 में से किसी हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करना चाहिए।
सवाल- मैं बजुर्ग हूं और पत्नी नहीं है। मेरी बेटी विदेश में है। मुझे अपना फ्रीज रिपेयर करवाना है। मैं कंपनी के बंदे को घर कैसे बुलाऊं?
जवाब- चूंकि आप सीनियर सिटिजन हैं, इसलिए आप भी 1291 और 112 में से किसी हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकते हैं। आपको मदद मिल जाएगी।
सवाल- मैं नोएडा के एक आईटी फर्म में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूं। मैं दिल्ली में फंसा हुआ हूं जबकि परिवार यूपी से सहारनपुर में है। मेरी पत्नी, मां और बच्चे को बुनियादी सुविधाओं की कमी हो रही है। हम घर गांव कैसे जा सकते हैं?
जवाब- आप जहां हैं, वहीं रहना चाहिए। अगर लोग एक जगह से दूसरी जगह जाने लगेंगे तो लॉकडाउन के मकसद पर ही पानी फिर जाएगा। किसी को बुनियादी सविधाओं की दिक्कत नहीं हो, सरकार इसका प्रयास कर रही है।
(दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता, एडिशनल कमिश्नर मंदीप सिंह रंधावा के जवाब)
मैं और मेरे अंकल गुरुग्राम से अपने बाइक से घर देहरादून जाना चाहते हैं। क्या हम मध्यरात्रि में दिल्ली पार कर सकते हैं?
नहीं, पूरे 24 घंटे लॉकडाउन है।
क्या कोई RWA बीमार लोग या बुजुर्गों की मदद करने वाले पार्ट टाइम हेल्पर की एंट्री बैन कर सकता है?
यह RWA के बैन लगाने का मामला नहीं है। घरेलू सहायकों को भी घरों में रहने की जरूरत है। अगर कोई आपात मामला है तो डॉक्टर या संबंधित अस्पताल पास के साथ किसी शख्स भेज सकता है।
मैं और मेरे पति मयूर विहार में अकेले रहते हैं और हम सरिता विहार में रहने वाले अपनी बेटी और दामाद को यहां बुलाना चाहते हैं। हम घरेलू काम अकेले नहीं कर पा रहे हैं। हमें इसके लिए पुलिस की इजाजत कैसे मिल सकती है?
अगर कोई आपात स्थिति नहीं है, तो उन्हें यात्रा करने की जरूरत नहीं है। आप हमारे हेल्पलाइन नंबर -011-234695526, 1291 और 112 पर किसी जरूरत के लिए कॉल कर सकते हैं। किसी आपात स्थिति में आप स्थानीय डीसीपी से संपर्क कर सकते हैं और अपनी स्थिति स्पष्ट कर मूवमेंट पास की मांग रख सकते हैं।
मैं खाने-पीने का सामान जमा नहीं कर पाया था और घर में बचे सामान दो दिन में खत्म हो जाएंगे। मुझे बाहर जाने के लिए क्या करना होगा?
हम ग्रॉसरी सामानों की सप्लाई घर तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। हमारे बीट अधिकारी अपने इलाकों में कई दुकानों को फिर से खुलवाया है। ऐसे प्रयास और तेज किए जाएंगे। सप्लाई बढ़ाने के लिए हमारी ई-कॉमर्स कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक हुई है। सामान जमा करने या घबराने की जरूरत नहीं है।
खुद से रेलवे टिकट रद्द कराने पर लोगों को कम रिफंड मिल रहा है, मुझे कम रिफंड मिला है। क्या यह जागरूक लोगों के लिए निराशाजनक नहीं है? क्या यह रेल मंत्रालय के निर्देशों का उल्लंघन नहीं है?