भारत पर उबर का बड़ा दांव

 नई दिल्ली

अमेरिका की कैब एग्रीगेटर कंपनी उबर टेक्नोलॉजीज ने भारत में अपने कारोबार के व्यापक विस्तार की योजना बनाई है। कंपनी देश के कई और शहरों में अपना कारोबार फैला रही है तथा इसके लिए वह कार के अलावा परिवहन के दूसरे साधनों पर भी दांव लगा रही है। इनमें इलेक्ट्रिक वाहन, सिटी बसें और क्वाड्रीसाइकल शामिल हैं। कंपनी विभिन्न शहरों के मालवहन सेवाएं शुरू करेगी और उबर ईट्स का भी विस्तार करेगी। उबर अभी भारत और दक्षिण एशिया के कुल 34 शहरों में अपनी सेवा दे रही है। इनमें बांग्लादेश और श्रीलंका के तीन शहर शामिल हैं। साल के अंत तक उसकी योजना 50 शहरों में अपना कारोबार फैलाने की है। इसके लिए उबर कार के साथ परिवहन के अन्य साधन भी अपनाएगी।

उबर के भारत और दक्षिण एशिया प्रमुख प्रदीप परमेश्वरन ने कहा, 'शहरी परिवहन में अभी हमारी हिस्सेदारी महज 1 फीसदी है। हमने पहले अन्य शहरों में अपने कारोबार का विस्तार नहीं किया क्योंकि कारों की अपनी सीमाएं होती हैं। लेकिन अब हमने अपने काफिले में परिवहन के कई अन्य साधन भी जोड़ लिए हैं। हम केवल कार तक सीमित नहीं रहेंगे बल्कि परिवहन के विभिन्न साधन मुहैया कराएंगे।' उदाहरण के लिए उबर पहले ही त्रिची जैसे शहरों में केवल ऑटो सेवा दे रही है। कंपनी को उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में श्रीलंका में उसके प्लेटफॉर्म पर कार के बजाय ऑटो में सफर करने वालों की तादाद बढ़ जाएगी। 

परमेश्वरन ने कहा कि दिल्ली जैसे शहरों में वह केवल कारों को ही अपने प्लेटफॉर्म से जोड़ेगी क्योंकि वहां इनकी मांग में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा, 'हम तभी क्षमता बढ़ाएंगे जब इसके लिए  मांग होगी।' कंपनी 18 महीने पहले फूड डिलिवरी के क्षेत्र में उतरी थी और अमेरिका में उबर ईट्स को भारी सफलता मिली है। परमेश्वरन ने कहा कि उबर ईट्स पर दुनिया के दस सर्वाधिक बिक्री पर वाले रेस्त्रां में से नौ भारत में हैं। इनमें एकमात्र अपवाद ब्रिटेन में मैकडॉनल्ड्स है।

उबर ईट्स 35 से अधिक देशों में उपलब्ध है और 400 से अधिक शहरों में इसकी मौजूदगी है। भारत में यह सेवा 37 शहरों में उपलब्ध है जबकि कंपनी की कैब सेवा इससे आधे से भी कम शहरों में है। उबर के लिए भारत की अहमियत के बारे में परमेश्वरन ने कहा, 'अमेरिका से बाहर यह हमारा सबसे अहम बाजार है। हम दीर्घकालीन योजना के साथ यहां निवेश कर रहे हैं।' कंपनी देश में प्रयोग के तौर पर इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों को उतारना चाहती है। 

 

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