भारत ने US से पूछा, क्या पाकिस्तान ने F-16 बेस से अमेरिकी अधिकारियों को हटाया था?

 नई दिल्ली 
भारत ने अमेरिका से पूछा है कि क्या 26 फरवरी को पाकिस्तान के भारतीय सैन्य ठिकानों पर बम गिराने के फैसले के बाद उसके जिन बेस पर F-16 फाइटर जेट तैनात किए गए थे, वहां अमेरिकी अधिकारी तैनात थे या नहीं? अमेरिका के साथ पाकिस्तान के अग्रीमेंट के तहत इन बेस पर अमेरिकी अधिकारियों की मौजूदगी होनी जरूरी है। 
 
ईटी को पता चला है कि अमेरिका ने अभी तक इसका औपचारिक जवाब नहीं दिया है, लेकिन भारत को पता चला है कि पाकिस्तानी मिलिट्री ने F-16 की तैनाती की तैयारी से पहले सभी अमेरिकी अधिकारियों को संबंधित बेस छोड़ने के लिए कहा था। अमेरिका और पाकिस्तान के बीच एंड-यूजर शर्तों के तहत, जिन बेस पर F-16 फाइटर जेट रखे गए हैं, वहां उनके वास्तविक इस्तेमाल और तैनाती की निगरानी के लिए अमेरिकी मिलिट्री के अधिकारियों की मौजूदगी अनिवार्य है। 

इसके बावजूद 27 फरवरी की कार्रवाई को रोकने में मदद नहीं मिली थी, जिसमें F-16 जेट विमानों के भारतीय वायुसीमा में काफी अंदर तक आने के बावजूद भारतीय पक्ष ने संयम दिखाया था। दोनों देशों ने एक दूसरे के लड़ाकू विमानों को निशाना बनाया था, जिसमें भारत का एक मिग-21 जेट क्रैश हो गया था। इसके पायलट विंग कमांडर अभिनंदन विमान से पैराशूट से कूदना पड़ा था और वह पाकिस्तानी सीमा में उतरे थे। इसके बाद उन्हें पाकिस्तान ने हिरासत में ले लिया था। कई देशों के दबाव के बाद में उन्हें रिहा किया गया था। विंग कमांडर अभिनंदन के मिग-21 ने पाकिस्तान के F-16 को भी नुकसान पहुंचाया था, जिससे वह गिर गया था। 

पाकिस्तान इस हमले में F-16 का इस्तेमाल करने से इनकार करता रहा है। हालांकि, F-16 से फायर किया जाने वाला AMRAAM एम्युनिशन भारतीय क्षेत्र में मिला था। पाकिस्तान ने अपने एक F-16 जेट के क्रैश होने को भी बाद में गलत बताया था। कश्मीर में पुलवामा हमले के बाद भारत की ओर से पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादी ठिकाने पर किए गए हवाई हमले के बाद अमेरिका गए विदेश सचिव विजय गोखले ने भी इस मामले पर चर्चा की थी। 

अमेरिका के पाकिस्तान को F-16 बेचने के अग्रीमेंट की शर्तों में यह स्पष्ट नहीं है कि इस फाइटर जेट का विमान भारत के खिलाफ नहीं किया जाएगा। हालांकि, भारत हमेशा यह मानता रहा है कि अमेरिका पाकिस्तान या उसकी मिलिट्री को भारतीय वायु क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति नहीं देगा। भारत ने अमेरिका को बताया है कि बालाकोट पर उसका हमला एक गैर-सैन्य आतंकवाद विरोधी अभियान था और उसके बाद पाकिस्तान की ओर से इस तरह की कार्रवाई की जरूरत नहीं थी। 
 

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