पहली सभा में एजेंडा सेट कर गए PM मोदी, इन मुद्दों पर होगा छत्तीसगढ़ का चुनाव

रायपुर
 छत्तीसगढ़ के लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी एजेंडा सेट कर दिया है। बालोद की सभा के बाद मोदी ने सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को साफ संकेत दिया कि वे पांच मुद्दों पर चुनाव प्रचार को आगे बढ़ाएं। इसमें देश का स्वाभिमान, किसान का सम्मान, सेना की मजबूती, नक्सलियों के खिलाफ कांग्रेस की ढुलमुल नीति और आयुष्मान भारत प्रमुख है। भाजपा अब प्रदेश की सभी 11 लोकसभा सीट पर इन पांच जमीनी मुद्दों को लेकर कांग्रेस पर वार करेगी।

छत्तीसगढ़ की पहली सभा के बाद चुनाव प्रचार का मोदी ने मूड सेट किया है। अब पहले चरण के बस्तर लोकसभा में आ रहे स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ से लेकर डॉ रमन सिंह इन्हीं पांच मुद्दों पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार को घेरेंगे। भाजपा की राजनीति के जानकारों की मानें तो अब तक प्रदेश स्तर के नेता सिर्फ राज्य सरकार की असफलताओं को लेकर मैदान में उतर रहे थे, लेकिन वो प्रभावी नहीं हो पा रहे थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के स्वाभिमान की बात, किसानों के सम्मान की बात को मजबूती से रखने का संदेश दिया। दरअसल, प्रदेश में कांग्रेस सरकार केंद्र सरकार की योजनाओं को कमजोर करने में जुटी है।

इसका परिणाम यह सामने आ रहा है कि किसान सम्मान निधि का लाभ लाखों किसानों को नहीं मिला। आयुष्मान भारत बंद करने से गरीबों का इलाज बंद हो गया है। इन दोनों मुद्दों को लेकर भाजपा प्रचारक जनता के बीच जाएंगे। इससे पहले सभी किसानों का पूरा कर्ज माफ नहीं होने को लेकर कांग्रेस निशाने पर थी।

कांग्रेस के घोषणा पत्र में सेना को कमजोर करने की साजिश करार देते हुए अब भाजपा और आक्रामक रूख अपनाएगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने कहा कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने नक्सलियों के साथ सांठगांठ करके वोट बटोरे।

अब देश के आतंकवादियों, अलगाववादियों को लुभाकर सत्ता में आना चाहते हैं। ऐसे में पार्टी कांग्रेस और नक्सलियों के गठजोड़ को जनता के बीच उजागर करेगी। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि बालोद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो टूक कहा कि केंद्र की योजनाओं के दम पर चुनाव मैदान में उतरो। कांग्रेस के नामदारों का चेहरा अब उजागर हो गया है।

ये हैं पांच मुद्दे

देश का स्वाभिमान, किसान का सम्मान, सेना की मजबूती, नक्सलियों के खिलाफ कांग्रेस की ढुलमुल नीति और आयुष्मान भारत।

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