भारत को टेस्ट क्रिकेट की सुपरपावर बनते देखना चाहता हूं: कोहली
ऐडिलेड
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने कहा है कि उनकी ख्वाहिश टेस्ट प्रारूप में भारत को महाशक्ति (सुपरपावर) बनाने की है। कोहली ने साथ ही कहा कि उनके लिए टेस्ट क्रिकेट हमेशा प्राथमिकता रहेगी और अगर भारतीय क्रिकेट में इसे सम्मान मिलता है तो क्रिकेट का यह प्रारूप हमेशा शीर्ष पर रहेगा। कोहली की कप्तानी में ही भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीती है। भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में 4 मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-1 से मात दी है। कोहली ने स्टार स्पोटर्स से बात करते हुए कहा, 'मैं इसे लक्ष्य नहीं बल्कि विजन कहूंगा। मैं भारत को टेस्ट क्रिकेट में सुपरपावर बनते देखना चाहता हूं और आने वाले दिनों में भारत को टेस्ट में सबसे मजबूत टीम बनते देखना चाहता हूं। मुझे लगता है कि भारतीय क्रिकेट टेस्ट क्रिकेट का सम्मान करती है और भारतीय खिलाड़ी भी इसे इज्जत देते हैं तो टेस्ट क्रिकेट हमेशा शीर्ष पर रहेगी।'
कोहली ने कहा, 'शॉर्ट फॉर्मेट क्रिकेट की लोकप्रियता के लिए जरूरी हैं लेकिन सिर्फ उन्हीं पर ध्यान दिया जाता है और उनका नाम लेकर टेस्ट क्रिकेट से बचने की कोशिश की जाती है तो आने वाले खिलाड़ियों को दिक्कत हो सकती है।' बल्लेबाजी के नित नए रेकॉर्ड बनाते जा रहे विराट ने युवाओं को संदेश दिया है कि सिर्फ सीमित ओवरों के प्रारूप पर फोकस करना ही टेस्ट क्रिकेट की चुनौतियों का सामना कर पाने में असमर्थ होने का बहाना नहीं होना चाहिए। 25 टेस्ट शतक बना चुके दुनिया के नंबर एक बल्लेबाज ने चेताया कि युवा अगर पांच दिनी क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकेंगे तो उन्हें मानसिक दिक्कतें होंगी। कोहली ने कहा, 'भारत के मौजूदा टेस्ट क्रिकेटर युवा पीढ़ी के लिए उदाहरण पेश करने की कोशिश में हैं।' उन्होंने अपना काम आसान करने के लिये कोच रवि शास्त्री को धन्यवाद दिया। कोहली ने अपने और कोच रवि शास्त्री के रिश्ते पर भी खुलकर बात की और कहा कोच हमेशा पूरी ईमानदारी से उनके सामने बात रखते हैं।
टीम इंडिया के कप्तान ने कहा, '2014 में जब से शास्त्री आए हैं तब से वह मुझे पूरी ईमानदारी फीडबैक देते हैं। मुझे याद है कि जब इंग्लैंड के खिलाफ मैंने एक ही मैच में शतक और अर्धशतक जमाया था तब उन्हें मुझसे कहा था कि तुम्हारी बल्लेबाजी के बारे में मुझे कुछ नहीं कहना, लेकिन कप्तानी के बारे में हमें बात करनी होगी कि कैसे खिलाड़ियों से उनका सर्वश्रेष्ठ निकाला जाए। इससे मुझे काफी फर्क पड़ा क्योंकि मैं जानता हूं कि कई बार आप जितना सोचते हो कप्तानी में उससे कई ज्यादा देना होता है।'