भारत के 2 अधिकारी गिरफ्तार, हिट एंड रन का लगाया आरोप

 इस्लामाबाद
पूरी दुनिया जहां कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रही है, वहीं हमारा पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान भारत के खिलाफ अलग ही साजिश रच रहा है। भारत में आतंकी मंसूबों के नाकाम होने से बौखलाई पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई इस्लामाबाद में तैनात भारतीय राजनयिकों को परेशान कर रही है। रविवार सुबह इस्लामाबाद में तैनात दो भारतीय राजनयिकों के अपहरण की खबर के बाद अब पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया है कि इनको इस्लामाबाद पुलिस ने हिट एंड रन मामले में गिरफ्तार किया है।

एक्सीडेंट मामले में राजनयिकों की गिरफ्तारी का दावा
जियो टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, दूतावास के पास की सड़क पर भारतीय राजनयिकों की बीएमडब्लू कार से एक पाकिस्तानी नागरिक का एक्सीडेंट हुआ था लेकिन उन्होंने वहां से भागने की कोशिश की। जिसके बाद इस्लामाबाद पुलिस ने अतंरराष्ट्रीय नियम-कानूनों को ताक पर रखते हुए भारतीय राजनयिकों को कथित तौर पर गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि डिप्लोमेटिक कानूनों के अनुसार कोई भी देश किसी दूसरे देश के राजनयिक को गिरफ्तार नहीं कर सकती।

भारतीय अधिकारियों को फसाने की फिराक में आईएसआई
हमारे सहयोगी चैनल टाइम्‍स नाउ ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है कि ये दोनों अधिकारी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के हैं और सुबह करीब 8.30 बजे ड्राइवर ड्यूटी पर बाहर गए थे। बताया जा रहा है कि भारत ने अधिकारियों के लापता होने के मुद्दे को पाकिस्‍तान सरकार से उठाया था। इन अधिकारियों की तलाश की जा रही थी। जबकि नियम यह है कि गिरफ्तारी संबंधी किसी भी मामले में सबसे पहले संबंधित दूतावास को बताना जरुरी होता है

क्या है वियना संधि, जिसका पाक कर रहा उल्लंघन
साल 1961 में आजाद देशों के बीच राजनयिक संबंधों को लेकर वियना संधि हुई थी। इस संधि के तहत राजनयिकों को विशेष अधिकार दिए गए हैं। इस संधि के दो साल बाद 1963 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने इंटरनेशनल लॉ कमीशन द्वारा तैयार एक और संधि का प्रावधान किया, जिसे वियना कन्वेंशन ऑन कॉन्सुलर रिलेशंस कहा गया। इस संधि को 1964 में लागू किया गया था।

राजनयिकों को लेकर हैं ये नियम
इस संधि के तहत मेजबान देश अपने यहां रहने वाले दूसरे देशों के राजनयिकों को विशेष दर्जा देता है। कोई भी देश दूसरे देश के राजनयिकों को किसी भी कानूनी मामले में गिरफ्तार नहीं कर सकता है। न ही उन्हें किसी तरह की हिरासत में रखा जा सकता है। वहीं, राजनयिक के ऊपर मेजबान देश में किसी तरह का कस्टम टैक्स नहीं लगाया जा सकता है।

दूतावास में नहीं घुस सकती पुलिस
इसी संधि के आर्टिकल 31 के मुताबिक मेजबान देश की पुलिस दूसरे देशों के दूतावास में नहीं घुस सकती है। लेकिन मेजबान देश को उस दूतावास की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठानी होगी। इस संधि के आर्टिकल 36 के अनुसार अगर कोई देश किसी विदेशी नागरिक को गिरफ्तार करता है, तो संबंधित देश के दूतावास को तुरंत इसकी जानकारी देनी होगी।

 

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