चीन में ‘बुर्का’ पहनने पर भी हिरासत में लिए जा रहे लोग, भेजा जा रहा डी-रैडिकलाइजेशन सेंटर

 
पेइचिंग

चीन के शिनजियांग प्रांत में यदि कोई मुस्लिम महिला बुर्का पहनती है या फिर 'अवैध' इस्लामिक विडियो देखता हुआ कोई पाया जाता है तो उसे डीरैडिकलाइजेशन सेंटर में भेजा जा सकता है। वजह यह है कि चीन की सरकार इसे अतिवाद के तौर पर देखती है। शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगुर मुस्लिमों में अतिवाद को रोकने के लिए सरकार ने डी-रैडिकलाइजेशन सेंटर्स स्थापित किए हैं। शिनजियांग में रहने वाली 28 वर्षीया मेहरबान शिमिह को जून 2018 में वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर में इसलिए भर्ती किया गया था क्योंकि उन्होंने बुर्का पहना था।
उनका कहना था कि वह अपनी सास के दबाव के चलते पश्चिमी ड्रेस नहीं पहनती थीं। यही नहीं शिमिह की सास और उनके पति इबलियम कादर को लोगों को उकसाने के आरोप में 17 साल जेल की सजा सुनाई गई है। अथॉरिटीज को संदेह था कि शिमिह भी अतिवादी विचारों से प्रभावित हैं और इस संदेह में उन्हें वोकेशनल सेंटर में भेज दिया गया। शिमिह ने बताया कि पड़ोसियों ने स्थानीय पुलिस को मेरे बुर्का पहनने को लेकर जानकारी दी थी, जिसके बाद मुझे वोकेशनल सेंटर में डि-रैडिकलाइजेशन के लिए भेजा गया। यही नहीं इस दौरान उनकी मां उनकी बेटी की देखरेख कर रही हैं।

शिमिह उन 275 लोगों में से एक हैं, जिन्हें डिरैडिकलाइजेशन सेंटर में भेजा गया है। इनमें 11 महिलाएं शामिल हैं। ये सभी लोग बीते एक साल वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर में हैं। बता दें कि उइगुर मुस्लिमों को इन कैंपों में रखे जाने की दुनिया भर में तीखी निंदा हुई है और इसे उत्पीड़न के तौर पर देखा जा रहा है। शिनजियांग में ऐसे कितने सेंटर हैं, इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है। हालांकि शिनजियांग प्रांत की अथॉरिटीज का कहना है कि सूबे की लगभग हर काउंटी में ऐसा एक सेंटर स्थापित किया गया है।
 

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