भारत के जवाबी आयात शुल्क से अमेरिका को होगा 90 करोड़ डॉलर का नुकसानः रिपोर्ट

वॉशिंगटन 
अमेरिका द्वारा भारतीय कृषि उत्पादों के आयात पर लगाए गए शुल्क के जवाब में भारत भी अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क लगा सकता है। इसमें सेब, बादाम और दालें शामिल हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक इससे अमेरिकी निर्यात पर 90 करोड़ डॉलर का फर्क पड़ेगा। पिछले साल भारत ने अमेरिका के सेब, बादाम, अखरोट, और दालों पर आयात शुल्क बढ़ाया था। यह फैसला राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा स्टील और ऐल्युमिनियम की चीजों के आयात पर शुल्क लगाने के बाद किया गया था।  
 
हालांकि भारत ही एक ऐसा देश है जो जवाबी शुल्क को लागू करने में देरी कर रहा है। इस शुल्क का ऐलान छह महीने पहले ही हो गया था। पिछले साल अक्टूबर में ट्रंप ने भारत को टैरिफ किंग कहा था। उन्होंने आरोप लगाया था कि भारत ने अमेरिकी वस्तुओं पर आयात कर लगाया है। 

बता दें कि चीन, कनाडा, यूरोपीय यूनियन, सऊदी अरब और टर्की ने भी अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी कर की घोषणा की है। इन देशों ने अमेरिका के कृषि उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है। चीन, टर्की, ईयू, कनाडा और मैक्सिको में लगभग 800 वस्तुओं पर जवाबी आयात शुल्क लगाया गया है। 

बता दें कि 23 मार्च 2018 में यूएस ने स्टील के आयात पर 25 फीसदी और ऐल्युमिनियम के आयात पर 10 फीसदी शुल्क लगाया था। इसके बाद कई देशों ने अमेरिका के फूड प्रोडक्ट्स पर कर लगा दिया। भारत द्वारा घोषित आयात शुल्क अभी लागू नहीं किया गया है और इस पर ट्रंप प्रशासन से बातचीत जारी है। आयात शुल्क लागू करने की तारीख कई बार टाली जा चुकी है और अभी इसे 31 जनवरी 2019 को लागू किया जाना है। 

सरकार अमेरिका के सेबों पर 30 फीसदी का आयात शुल्क लगा सकती है। अमेरिकी प्रशासन ने व्यापार सहयोग पैकेज का ऐलान करके जवाबी शुल्क के प्रभाव को कम करने की कोशिश की है। 
 

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