भारतीय हॉकी टीम के लिए हरेंद्र ही सबसे अच्छे कोचः संदीप सिंह

नई दिल्ली 
भारतीय हॉकी टीम के लिए हरेंद्र सिंह को सर्वश्रेष्ठ कोच बताते हुए पूर्व स्टार ड्रैग फ्लिकर संदीप सिंह ने कहा कि कोई भी कोच रातोंरात टीम तैयार नहीं कर सकता और उसे कम से कम तीन चार साल का समय दिए जाने की जरूरत है। भुवनेश्वर में दिसंबर में हुए विश्व कप में भारत के क्वार्टर फाइनल से बाहर होने के बाद मुख्य कोच हरेंद्र को हटाकर जूनियर टीम की जिम्मेदारी लेने के लिए कहा गया है । हरेंद्र सिंह पिछले 25 साल में भारतीय टीम के 25वें और छह साल में छठे कोच हैं जिन्हें बर्खास्त किया गया। 

जूनियर से सीनियर स्तर पर हरेंद्र के मार्गदर्शन में हॉकी खेल चुके संदीप ने कहा,‘मुझे लगता है कि कोई भी कोच रातोंरात चमत्कार नहीं कर सकता। उसे तीन से चार साल का समय दिया जाना चाहिए। एक टूर्नमेंट में नाकामी के बाद कोच बदलना सही नहीं है क्योंकि खिलाड़ियों को भी नए कोच के नए तौर तरीकों से सामंजस्य बिठाने में समय लगता है ।’ अपनी ‘फ्लिकर ब्रदर्स हॉकी अकादमी’ के लॉन्च से इतर इस अनुभवी डिफेंडर ने कहा,‘मुझे नहीं लगता कि भारत के लिए हरेंद्र सिंह से बेहतर कोई कोच हो सकता है। उन्हें समय देने की जरूरत थी। ओलिंपिक अगले साल है और अभी हमें क्वालीफायर खेलना है लिहाजा ऐसे समय में प्रयोग से बचना चाहिए ।’ 

उन्होंने कहा ,‘मैं अपने अनुभव के दम पर कह सकता हूं कि भारतीय टीम के लिए देसी कोच ही सर्वश्रेष्ठ है जो मैदान पर सख्त और मैदान के बाहर दोस्त की तरह होते हैं। विदेशी कोचों के साथ उस तरह का तालमेल नहीं हो सकता ।’ उन्होंने टीम के चयन में कोच को भी शामिल करने की पैरवी करते हुए कहा कि विश्व कप टीम में सरदार सिंह और रूपिंदर पाल सिंह के अनुभव की कमी खली। हरेंद्र ने भारतीय खेल प्राधिकरण को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में कहा था कि विश्व कप टीम के चयन को लेकर उनकी बात नहीं मानी गई थी। संदीप ने कहा ,‘मुझे लगता है कि ड्रैग फ्लिकर रूपिंदर पाल सिंह और मिडफील्डर सरदार सिंह को विश्व कप टीम में होना चाहिए था। उन दोनों के अनुभव की कमी टीम को खली। 

उन्होंने विश्व कप में टीम के प्रदर्शन को एशियाई खेलों से बेहतर बताते हुए कहा कि भारतीय टीम ओलिंपिक के लिए क्वालिफाइ कर लेगी लेकिन उसमें अच्छे प्रदर्शन के लिए कमजोर कड़ियों पर काम करना होगा। उन्होंने कहा ,‘हमने विश्व कप में एशियाई खेलों से बेहतर प्रदर्शन किया। हम ओलिंपिक के लिए भी क्वालिफाइ कर लेंगे लेकिन उसमें बेहतर प्रदर्शन के लिए हमें कमजोर पहलुओं पर मेहनत करनी होगी। गोलकीपिंग उनमें से एक है क्योंकि पीआर श्रीजेश की टक्कर का कोई दूसरा गोलकीपर हमारे पास नहीं है ।’ 

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