भारतीय संदिग्ध के शामिल होने का शक, लंका धमाकों में जांच को आगे ले जाएगा NIA
मुंबई
नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) इस्लामिक स्टेट के कॉयम्बटूर मॉड्यूल के कथित सदस्यों से श्रीलंका में ईस्टर धमाकों के सिलसिले में पूछताछ की तैयारी कर रहा है। एनआईए इस बात की जांच करना चाहता है कि क्या भारतीय संदिग्ध और लंका के आतंकियों या उनके हैंडलर में कोई संबंध है। सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली है। नाम न उजागर करने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया, 'इस्लामिक स्टेट कॉयम्बटूर मॉड्यूल की जांच करते हुए, हम लंका धमाकों के साजिशकर्ता जाहरान हाशिम पर अटके। हमें पता चला है कि उसकी बहुत सी विडियो का इस्तेमाल लोगों को गुमराह करने के लिए किया गया है। किसी बड़ी साजिश की जांच करने के लिए हम मॉड्यूल के छोटे सहयोगियों से पूछताछ करते हैं।'
हाशिम के विडियो कॉयम्बटूर मॉड्यूल के पास
सूत्रों का कहना है कि कम्प्यूटर सिक्यॉरिटी के मामलों की जांच करने वाली सीईआरटी (कम्प्यूटर इमर्जेंसी रेस्पॉन्स टीम) ने लंका धमाकों की साजिश का खुलासा करने में अहम भूमिका निभाई। अधिकारी ने बताया, 'हार्ड डिस्क्स, लैपटॉप, मोबाइल फोन समेत कई दूसरी टैक्निकल चीजें इकट्ठी कर सीईआरटी को भेजी गई, ताकि डिलीट की गई सामग्री फिर से जुटाई जा सके। एजेंसी कई विडियो, दाबिक (आईएस मुखपत्र) के लेख को फिर से हासिल करने में कामयाब रहे। इन विडियो में एक विडियो वह भी था, जिनमें अबू बकर अल-बगदादी 'न्याय के लिए बदला' लेने की बात कर रहा है। कुछ विडियो ऐसे भी हैं, जिनमें हाशिम 'युद्ध' में शामिल होने की मांग कर रहा है।' हमने उसकी पहचान आईएस के दक्षिण एशिया मॉड्यूल के तौर पर की है, जो मुख्यत: श्रीलंका, बाग्लादेश और भारत में सक्रिय है। जांच में पता चला कि हाशिम श्रीलंका का नागरिक है।, यह जानकारी रॉ को दी गई, जिसमें श्रीलंका के चर्च और भारत के दूतावास को सांभावित टारगेट के तौर पर देखा गया है। यह जानकारी श्रीलंका के साथ भी साझा की गई।
केरल मॉड्यूल जांच के दायरे में
एक अन्य यूनिट, आईएस केरल मॉड्यूल, जिसमें 21 युवा शामिल हैं, जून 2016 में वैश्विक प्रतिबंधित आतंकी संगठन के लिए लड़ने अफगानिस्तान गए थे, इससे पहले साल में ये लोग कुरआन पर एक कोर्स अटेंड करने गए थे। इसमें एक अश्फाक मजीद भी शामिल था, जिसके पिता मुंबई में एक मोटेल चलाते हैं। पिता की शिकायत पर एनआईए ने टीवी पर इस्लाम पर उपदेश देने वाले जाकिर नाईक के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधियों के तहत केस दर्ज कर लिया। जाकिर नाईक आईआरएफ (इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन) का संस्थापक भी है। नाईक के खिलाफ 'आतंक समर्थित भाषणों' के लिए जांच की गई।
अधिकारी ने बताया, मजीद के पिता ने बताया था कि 23 फरवरी 2016 को अशफाक और कुछ अन्य लोग कुरआन की पढ़ाई करने जाफना गए। 24 फरवरी को वह मुंबई लौटा और जून के पहले हफ्ते में अपनी पत्नी और 18 महीने की बेटी के साथ अफगानिस्तान चला गया। अश्फाक अभी जिंदा है, लेकिन उसके साथ गए इस मॉड्यूल के ज्यादातर सदस्य 2017 उस समय मारे गए, जब अमेरिका ने सबसे बड़ा नॉन न्यूक्लियर बम वहां फेंका था।
भारत के लिए बड़ी चिंता
अधिकारी ने बताया, 'जाकिर के भाषणों का इस्तेमाल ढाका हमले में किया गया था, इस रिपोर्ट के बाद एजेंसी ने नाईक के खिलाफ जांच शुरू की। माजिद के पिता की शिकायत के बाद पता चला कि 21 लोग अफगानिस्तान गए हैं। इसमें इनके जाफना जाने का जिक्र भी आया, जो श्रीलंका लिंक को उजागर करता है। यह बात भी सामने आई है कि आईएस ने यह हमला नैशनल तौहीद जमात की मदद से किया है, इसी तरह बांग्लादेश में भी आईएस ने जमात-उल-मुजाहिद्दीन की मदद से हमला किया था। भारत के लिए यह गंभीर चिंता का विषय है, पड़ोस के देशों में अशांति भारत के लिए बड़ी चिंता है।'