भारतीय वन सेवा का नाम बदलकर इंडियन फॉरेस्ट एण्ड ट्राइबल सर्विस करने की कवायद, राज्यों से मांगेगे राय

भोपाल
भारतीय वन सेवा का नाम बदलकर इंडियन फॉरेस्ट एण्ड ट्राइबल सर्विस (आईएफटीएस) करने की कवायद शुरू हुई है। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजातीय आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय ने एक पत्र वन एवं पर्यावरण मंत्री हर्ष वर्धन को लिखा है। वर्धन ने भी प्रस्ताव डीओपीटी भेजकर सकारात्मक निर्णय लिये जाने की सिफारिश की है। मंत्रालय ने कहा है कि कोई निर्णय लेने के पहले राज्यों की राय लेना आवश्यक होगा। वहीं इस पहल पर आईएफएस अफसरों के अलग-अलग मत हैं।

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साय ने डिमांड की है कि भारतीय वन सेवा का नाम बदला जाना चाहिये। दरअसल, फॉरेस्ट का लगाव आदिवासियों से पुराना है, लेकिन वन अधिकारी आदिवासियों के हितों को लेकर दूरी बनाये रहते हैं। इसलिये नया कॉडर आईएफटीएस बनना चाहिये। इस पत्र के आधार पर वन मंत्री हर्षबर्धन ने यह कहते हुये पत्र आगे बढ़ा दिया है कि भारतीय वन सेवा के अधिकारियों को जनजातीय मामलों के मंत्रालय में शामिल किया जाना चाहिये ताकि वन सेवा के नाम को फिर से भारतीय वन और जनजातीय सेवा के रूप में सुनिश्चित किया जा सके। 

नया विभाग बनने से आदिवासी कल्याण के लिये नीतियां तैयार करने में सहूलियत होगी तथा निगरानी में भी सुधार आयेगा। जानकारी के अनुसार वन मंत्रालय ने साय के सुझाव संबंधी पत्र को डीओपीटी भेज दिया है और यहां से मामला प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंच गया है।

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