बेनकाब हुई कैलाश के खिलाफ डर्टी पॉलिटिक्स

भोपाल
 इन दिनों सोशल मीडिया पर एक फोटो तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय एक अधिकारी पर जूता ताने खड़े दिख रहे हैं। यह अधिकारी और कोई नही तत्कालीन एएसपी प्रमोद फडनीकर है, जो वर्तमान में आईजी एनएसजी के पद पर कार्यरत है । इस वायरल फोटो पर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं और इसे आकाश विजयवर्गीय मामले से जोड़ रहे है, वहीं कई दिग्गज नेता इस फोटो को लेकर कैलाश पर टिप्पणी कर रहे हैं। इसी बीच प्रमोद फड़नीकर का बयान सामने आया है। उन्होंने अपने बयान में इस तस्वीर के पीछे का सच लोगों को बताया है और कहा है कि वे इस घटना से दुखी है कि उनकी फोटो गलत तरीके से सोशल मीडिया पर वायरल की जा रही है। वायरल तस्वीर के बारे में कहा जा रहा है कि उस समय कैलाश विजयवर्गीय इंदौर के मेयर हुआ करते थे, किसी विवाद के बाद उन्होंने तत्कालीन एएसपी प्रमोद फडनीकर पर जूता तान दिया था| हालांकि, पुलिस अधिकारी ने तस्वीर को लेकर सच का खुलासा किया है|

फडनीकर का कहना है कि सोशल मीडिया पर फोटो की टाइमिंग को लेकर गलत खबर वायरल की जा रही है।  कैलाश विजयवर्गीय ने कभी भी मेरे साथ कोई बदतमीजी नहीं की। इस कैरियर पर आने के बाद मुझे जूते से पीटने की सफाई देनी पड़े यह दुःखद है।घटना को फ़ोटो के साथ गलत प्रचारित करने से दुखी हूं।फडनीकर का कहना है कि मेरे कहने पर कैलाश विजयवर्गीय ने धरना खत्म किया था। इस मामले में बीजेपी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी भी हुई थी।

फोटो ने किया अधिकारी को परेशान

फ़ोटो वायरल होने से फडनीकर परेशान हो गए हैं। बच्चे और परिचित फोन कर तरह तरह के सवाल उनसे पूछ रहे है। उनका कहना है कि वास्तविकता तो ये है कि कैलाश विजयवर्गीय ने कभी भी मुझसे बदतमीजी नही की । यह तस्वीर साल 1994 की है जब कैलाश इंदौर के विधायक थे और पानी की समस्या को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। कैलाश विजयवर्गीय ने जूता दिखाकर कहा था आप के कहने पर धरना खत्म किया लेकिन नगर निगम के चक्कर लगाकर जूते घिस गए है,  पानी नही आया। लेकिन इन दिनों फोटो को गलत तरीके से मीडिया और सोशल मीडिया में वायरल किया जा रहा है।

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