बेअदबी के मुख्य आरोपी की हत्या के बाद माहौल तनावपूर्ण, मोगा में पैरामिलट्री का फ्लैग मार्च

जालंधर
हाई सिक्योरिटी नाभा जेल में बरगाड़ी बेअदबी कांड के मुख्य आरोपी महेंद्र पाल बिट्टू की हत्या का मामला कैप्टन सरकार के गले की फांस बनता नजर आ रहा है। आरोपी हत्या के बाद जहां पंजाब के एक नामी गैंगस्टर सुखप्रीत सिंह उर्फ बुड्ढा ने वारदात की जिम्मेदारी ली है, वहीं डेरा सिरसा की पंजाब 45 मेंबरी कमेटी ने ऐलान किया है कि जब तक हत्याकांड की न्यायिक जांच और डेरा समर्थकों के खिलाफ दर्ज मामले वापिस नहीं लिए जाते तब तक महिंदर पाल बिट्टू के शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। इस सारे प्रकरण को लेकर पंजाब के कई इलाकों में स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। जिसके चलते सूबे में शांति और अमन बनाए रखने के लिए बीएसएफ और पैरामिलिट्री फोर्सिस को तैनात किया गया है। इस घटनाक्रम के बाद रविवार को मोगा पुलिस, बीएसएफ और पैरा मिलिट्री फोर्सेज की तरफ से मोगा जिले में फ्लैग मार्च निकाला गया, लोगों से अमन शांति को बनाए रखने के लिए अपील की गई है। उधर हत्या के आरोपियों को अदालत में पेश करने के बाद उन्हें चार दिन के पुलिस रिमांड में भेज दिया है।

गैंगस्टर ने ली कत्ल की जिम्मेदारी
गैंगस्टर सुखप्रीत सिंह उर्फ बुड्ढा ने फेसबुक पर पोस्ट डाल कर डेरा प्रेमी महिंदर पाल बिट्‌टू पर अपने साथियों से हमला करवाने की जिम्मेदारी ली है। इसके बाद कई गरम ख्याली सिख संगठन हत्या के आरोपियों के पक्ष में उतर आए हैं और आरोपियों को सिख कौम का यौद्धा बता रहे हैं। उधर पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने भी हत्या को लेकर कैप्टन सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है और कानून व्यव्सथा की बदहाली के लिए कैप्टन सरकार को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया है। मृतक के बेटे ने भी पिता की मौत को साजिश करार देते हुए जेल प्रशासन की कारगुजारी पर सवाल उठाए हैं। 

हत्या के बाद हालात खराब होने का अंदेशा
इस पूरे मामले में कैप्टन सरकार उल्टे घिरते नजर आ रही है। बेअदबी के मामलों में जांच कर रही एसआईटी के सदस्य कुंवर विजय प्रताप सिंह ने नाभा हत्याकांड को लेकर बयान दिया है कि  बिट्टू की अचानक मौत से कोटकपूरा गोलीकांड की जांच को गहरा धक्का है।  जाहिर है कि कैप्टन सरकार के सत्ता में आने के बाद एसआईटी बहुत ही तेजी से काम कर रही थी। जबकि अब मुख्य आरोपी के कत्ल के बाद हालात बिलकुल बदले नजर आ रहे हैं। यह भी कहा जा सकता है कि यह हत्या का मामला कैप्टन सरकार के लिए अब सिरदर्द बन गया है। हत्याकांड के बाद सूबे में हालात खराब होने का अंदेशा पैदा हो गया है।

ये है मामला
गौरतलब है कि  पुलिस ने डेरा सच्चा सौदा सिरसा के समर्थक महिंद्र पाल बिटटू समेत 3 लोगों को बेअदबी कांड में शामिल होने के आरोपों में अक्टूबर 2018 में गिरफ्तार किया था। दोषियों के विरूद्ध धारा 295 के तहत धार्मिक ग्र्रंथों की बेअदबी करने और असला एक्ट के तहत मुकदमा न. 89, 2018 दर्ज हुआ था। कत्ल के बाद पंजाब सरकार ने जेल के चार सीनियर ऑफिसर्स को सस्पेंड कर दिया है. इसमें जेल अधीक्षक, उप जेल अधीक्षक और 2 जेल वार्डन शामिल हैं। मोहिंदर पाल सिंह बरगाड़ी में धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी मामले में आरोपी था। बताया जा रहा है कि गुरसेवक सिंह और मनिन्दर सिंह ने शनिवार शाम को सवा बांच बजे हमला किया था। इसके बाद उसे सिविल अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।

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