बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए मात्र 39 फीसदी भूमि अधिग्रहीत

नई दिल्ली    
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की समय सीमा पार कर चुकी है। अब तक आवश्यक 1,38० हेक्टेयर भूमि में से सिर्फ 39 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण किया गया है। राष्ट्रीय हाई स्पीड रेल कॉपोर्रेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने का अनुरोध करते हुए आईएएनएस को बताया, “अब तक हमने लगभग 39 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण किया है।”

उन्होंने कहा कि एनएचएसआरसीएल ने महाराष्ट्र और गुजरात में आवश्यक 1,387 हेक्टेयर भूमि में से 537 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया है। गुजरात में, एनएचएसआरसीएल ने 94० हेक्टेयर भूमि में से 471 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया है, जबकि महाराष्ट्र में इसने 431 हेक्टेयर भूमि में से 66 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया है। उन्होंने कहा, “दादरा और नगर हवेली में जरूरी नौ हेक्टेयर जमीन में से सरकार जमीन का एक टुकड़ा भी अधिग्रहीत नहीं कर पाई है।”

सरकार ने भूमि अधिग्रहण के अवरोध को समाप्त करने के लिए दिसंबर, 2०18 तक की एक समय सीमा तय की थी। मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे ने 14 सितंबर, 2०17 को 1.०8 लाख करोड़ रुपये (17 अरब डॉलर) की 5०8 किलोमीटर लंबी महत्वाकांक्षी अहमदाबाद-मुंबई हाई-स्पीड रेल परियोजना की आधारशिला रखी थी। जापान अंतरार्ष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) और केंद्रीय रेल मंत्रालय ने परियोजना को आंशिक रूप से निधि देने के लिए जापान के साथ 5०8 किलोमीटर के गलियारे के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) को शामिल किया है।

अधिकारी ने कहा कि रेलवे ने टनलिंग बोरिंग मशीन (टीबीएम) और न्यू आस्ट्रियन टनलिंग मेथड (एनएटीएम) का उपयोग कर महाराष्ट्र में बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स और शिलफाटा के बीच मुंबई भूमिगत स्टेशन के लिए टेस्टिंग और कमीशनिंग सहित टनलिंग कार्यों के निमार्ण के लिए निविदाएं मंगाई हैं। अधिकारी के अनुसार, मुंबई में बोईसर और बीकेसी के बीच 21 किलोमीटर लंबी एक सुरंग खोदी जाएगी, जिसका 7 किलोमीटर का हिस्सा समुद्र में होगा।

एनएचएसआरसीएल के अधिकारी ने कहा कि मुंबई और अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए महाराष्ट्र-गुजरात सीमा के जरोली गांव और गुजरात के वड़ोदरा के बीच मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए 237 किलोमीटर लंबी मेनलाइन की टेस्टिंग और कमीशनिंग सहित सिविल और बिल्डिंग कार्यों का डिजाइन, जो कि परियोजना की कुल लंबाई 47 प्रतिशत है, लगभग 28० मीटर की एक पहाड़ी सुरंग, 24 नदी पार और 3० सड़कों और नहर क्रॉसिंग को छोड़कर ऊंचा कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि गुजरात के वापी, बिलिमोरा, सूरत और भरूच में स्टेशन बनाने की निविदा भी मंगाई गई है।

अधिकारी ने कहा कि अहमदाबाद में साबरमती हब में विभिन्न स्थानों पर यूटिलिटी डाइवर्जन पर काम अच्छी तरह से प्रगति कर रहा है। बुलेट ट्रेनों के लगभग दो घंटे में 5०8 किलोमीटर की दूरी को कवर करते हुए 35० किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की उम्मीद है। इस समय इस रूट पर चलने वाली ट्रेनों को दूरी तय करने में सात घंटे लगते हैं, जबकि उड़ानों में लगभग एक घंटा लगता है।

 

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