बीजेपी पर गरम, कांग्रेस पर कुछ नरम क्यों हैं मायावती?

 
लखनऊ 

अधिसूचना जारी होने के बाद मायावती ने बीजेपी पर सीधा हमला शुरू कर दिया है। वोटिंग की तिथियां जैसे-जैसे नजदीक आ रही हैं मायावती के तेवर बीजेपी पर तीखे हो रहे हैं। पश्चिमी यूपी में बीएसपी की साख दांव पर है। पहले दो चरण में सपा-बसपा गठबंधन की ओर से बीएसपी को अधिक सीटें मिली हैं। इन पर मुस्लिम मतदाता काफी हैं। बीजेपी के खिलाफ मोर्चे की यह भी बड़ी वजह है। अधिसूचना से पहले मायावती के निशाने पर भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस भी थी। हालांकि कांग्रेस के प्रति यह तल्खी अब कुछ कम होती दिख रही है। 
 
मायावती ने दर्जनों ट्वीट किए लेकिन एक दो ट्वीट छोड़ दें तो कांग्रेस पर बहुत आक्रामक हमला नहीं है। बड़े परिदृश्य में बसपा-सपा-आरएलडी गठबंधन और कांग्रेस का लक्ष्य एक ही है – भाजपा हराओ। अब जब कांग्रेस ने मुकाबला त्रिकोणीय कर दिया है तो माया अपने वोटरों को भ्रमित होने से बचाने के लिए कांग्रेस को रणनीति के तहत नजरअंदाज कर रही हैं। वह संदेश देना चाहती हैं कि केवल उनकी लड़ाई भाजपा से है। कांग्रेस फाइट से बाहर है। मुस्लिम बहुल सीटों पर ये धारणा बनाना माया की रणनीति है। 
 
प्रियंका के ट्वीट के बाद खुद गन्ना किसानों का मुद्दा उठाया 
अधिसूचना जारी होने के बाद माया ट्वीट से विरोधी दलों पर हमले कर रही हैं। सबसे ज्यादा नाराजगी भाजपा से ही दिख रही है। पीएम का देश के नाम संदेश हो या गन्ना किसानों की बकाएदारी। कई मामलों में मायावती से खुलकर बीजेपी पर निशाना साधा। प्रियंका गांधी ने जब गन्ना किसानों के बकाएदारी पर भाजपा पर सवाल उठाए तो माया ने भी प्रियंका के साथ भाजपा पर हमला बोला। 
 

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