बीजेपी ने सावरकर, मुस्लिम कोटा पर उद्धव ठाकरे की चुप्पी पर सवाल उठाए

 
मुंबई

बीजेपी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के इस दावे को लेकर उन पर निशाना साधा कि उनकी पार्टी शिवसेना राजग से अलग हो गई है लेकिन हिंदुत्व की विचारधारा से दूर नहीं हुई है। बीजेपी ने पूछा कि उद्धव और उनकी पार्टी कुछ मुद्दों जैसे कि कांग्रेस के नेताओं की विनायक दामोदर सावरकर पर टिप्पणी पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं।

मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार अयोध्या पहुंचे उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि बीजेपी से भले उनकी राहें अलग हो गई हों लेकिन हिंदुत्व से नहीं और ‘बीजेपी तथा हिंदुत्व अलग-अलग हैं।’
 
राज्य बीजेपी ने ट्विटर पर पूछा, ‘आप तब चुप क्यों रहे जब मध्य प्रदेश सरकार (कांग्रेस नीत) ने छत्रपति शिवाजी महाराज की आवक्ष प्रतिमा को हटा दिया।’ छिंदवाड़ा के सौसर में प्रशासन ने पिछले महीने शिवाजी महाराज की आवक्ष प्रतिमा जेसीबी मशीन की मदद से हटा दी थी और कहा था कि इसे बिना इजाजत लगाया गया था।
 
राज्य बीजेपी ने ट्वीट किया, ‘आप तब चुप क्यों रहे जब कांग्रेस ने (हिंदुत्व विचारक) सावरकर का अपमान किया? आप मुस्लिम समुदाय को कोटा क्यों दे रहे हैं?’ महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री एवं राकांपा नेता नवाब मलिक ने विधान परिषद में हाल में घोषणा की थी कि राज्य सरकार ने सरकारी एवं शैक्षणिक संस्थानों में मुस्लिम समुदाय को पांच फीसदी कोटा देने का प्रस्ताव दिया है। हालांकि ठाकरे ने बाद में कहा था उन्हें कोई प्रस्ताव नहीं मिला है और कोई फैसला नहीं लिया गया है।

राज्य के बीजेपी नेता सुधीर मुनगंटीवार ने ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि भगवान राम ने राज्य के वर्तमान सत्तारूढ़ दलों (शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा) को नहीं, बल्कि पुराने साथियों (बीजेपी और शिवसेना) को एकसाथ आशीर्वाद दिया था। उन्होंने कहा, ‘भगवान राम सत्ता प्रेमी के रूप में कभी नहीं जाने गए। हमें केवल ऐसे राम याद आते हैं जो एक वायदे का सम्मान रखने के लिए 14 वर्ष के लिए वनवास चले गए थे।’

मुनगंटीवार ने कहा, ‘यह तो पार्टी (शिवसेना) को तय करना है कि यह दौरा भगवान राम का आशीर्वाद लेने के लिए था या फिर उनके सामने (कांग्रेस और राकांपा से हाथ मिलाने की) गलती स्वीकार करने के लिए था।’

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