बीजेपी ने कहा, ‘ओवैसी देश में नए जिन्ना के तौर पर काम कर रहे हैं

नई दिल्ली
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी और लखनऊ के नदवा कॉलेज समेत देश भर में हुए हिंसक प्रदर्शनों के लिए बीजेपी ने विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि राहुल गांधी की शनिवार को ही रीलॉन्चिंग के लिए रैली हुई थी और अगले ही दिन हिंसा भड़क गई।
पात्रा ने कहा कि संसद से पारित कानून के खिलाफ जिस तरह से हिंसक प्रदर्शन हो रहा है, उससे पता चलता है कि विपक्ष जिम्मेदार बर्ताव नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों ने अपने-अपने ओवैसियों को मुस्लिम वोट बैंक के लिए उतारा है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, 'ओवैसी देश में नए जिन्ना के तौर पर काम कर रहे हैं। उनकी प्रतिस्पर्धा में अमानतुल्लाह खान हैं, वह दिल्ली का जिन्ना बनना चाहते हैं। ममता बनर्जी ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि बंगाल में रहने वाले को बांग्ला बोलनी होगी, लेकिन अब हिंदी में ही पूरा भाषण क्यों दिया। क्या उनकी मंंशा पूरे देश में उपद्रव की है।'

चीफ जस्टिस बोबडे की बात से सीखें हिंसा करने वाले
इसके साथ ही चीफ जस्टिस एस.ए. बोबडे के एक बयान का जिक्र करते हुए कहा कि आप स्टूडेंट हो सकते हैं, लेकिन आपको यह अधिकार नहीं है कि आप पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाए। इसके साथ ही उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के ट्वीट्स का जिक्र करते हुए लोगों से सीख लेने की अपील की। उन्होंने कहा, 'अनुच्छेद 370 में भी पी. चिदंबरम ने कहा था कि यदि जम्मू-कश्मीर मुस्लिम राज्य न होता तो इसे हटाया नहीं जाता। राम मंदिर के केस में भी जिस तरह से कुछ सुप्रीम कोर्ट पर ही हमला कर रहे थे, उससे स्पष्ट होता है कि हर विषय में कुछ लोग हिंदू मुस्लिम कर रहे हैं।'

छात्रों के कंधे पर बंदूक रख की जा रही राजनीति
बीजेपी ने कहा कि छात्रों के कंधे पर बंदूक रखकर जिस तरह से अपनी महत्वाकांक्षा साधी जा रही है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। पात्रा ने कहा कि इस ऐक्ट में किसी भी भारतीय का कोई लेना-देना नहीं है। किसी अधिकार का हनन नहीं होता है। स्टूडेंट्स इन सभी चीजों को समझते हैं, लेकिन उन्हें भड़काकर कौन मोहरे के तौर पर इस्तेमाल करना चाह रहा है।

'जेएनयू की नारेबाजी में भी साथ थे राहुल, वामपंथी'
जेएनयू में कथित तौर पर देशविरोधी नारेबाजी को लेकर भी उन्होंने कहा कि राहुल गांधी, प्रकाश करात और डी. राजा जैसे लोग वहां गए थे। एक बार फिर से ऐसी ही कोशिशें की जा रही हैं। शनिवार को राहुल गांधी ने एक रैली की थी। आखिर क्या है कि वह शनिवार को अपनी रीलॉन्चिंग की कोशिश करते हैं और अगले ही दिन हिंसा शुरू हो जाती है। संबित पात्रा ने नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक घटनाओं के पीछे कांग्रेस का हाथ बताया

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