बीजेपी के नए प्रदेश कार्यालय में वास्तुदोष!… नेताओं ने बनाई दूरी

रायपुर 
छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. लेकिन राजधानी में बीजेपी का नया प्रदेश कार्यालय बिल्कुल सूना है. वास्तुदोष और शुभ-अशुभ के फेरे में पड़कर बीजेपी पुराने दफ्तर से ही चुनावी गतिविधियां संचालित कर रही है. करोड़ों का नया कार्यालय बूत बनकर पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का इंतज़ार कर रहा है. साल 2013 के विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी ने राजधानी के डूमरतराई में करोड़ों की लागत से नया दफ्तर बनया था. लेकिन कुछ दिक्कतें सामने आई तो पता चला कि दफ्तर के मुख्य द्वार पर ही वास्तुदोष है. फिर उस दरवाजे को बंद कर दूसरा गेट बनवा दिया गया. लेकिन फिर दूसरे गेट में वास्तुदोष बताया गया जिसके बाद अब कार्यालय में सामने से एंट्री बंद ही कर दी गई है.

विधानसभा चुनाव करीब आने के बाद पार्टी को ऐसा लगा कि रजबंधा मैदान स्थित एकात्म परिसर बीजेपी के लिए ज्यादा लकी है. लेकिन इस चुनाव में बीजेपी को 15 साल की सत्ता खोनी पड़ी. ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि लोकसभा चुनाव का संचालन नए दफ्तर से होगा. लेकिन चुनावी शोर के बीच ये दफ्तर सूना है. कुशाभाऊ ठाकरे परिसर डूमरतराई में बीजेपी का नया दफ्तर करीब 7 करोड़ की लागत से बनाया गया है.

बीजेपी नए दफ्तर में वाइफाई, मिनी थिएटर, हाईटेक मीटिंग रुम, सभागार, परिसर सीसीटीवी कैमरों से लैस और ठहरने के लिए लग्जीरियस कमरे है. इसके ग्राउंड फ्लोर पर ग्रामीण जिले के पदाधिकारी, प्रथम तल पर शहर जिले के पदाधिकारी और सेकेंड फ्लोर पर संभागीय स्तर के पदाधिकारी की बैठकें होती थी. इन तमाम खासियतों के बावजूद राजधानी के वास्तुशास्त्री पंडित देवनारायण शर्मा का कहना है कि बीजेपी के नए भवन में वो तमाम वास्तुदोष है जो पुराने कांग्रेस भवन में हुआ करता था.

इधर बीजेपी किसी भी तरह के वास्तुदोष से इंकार करते हुए केवल कार्यकर्ताओं की सहुलियत की वजह से एकात्म परिसर से चुनाव संचालन करने की बात कह रही है. बीजेपी प्रवक्ता अमित चिमनानी का कहना है कि कार्यालय शहर में है इसलिए सबकों यहां सहुलियत होती है. इसलिए यहीं से सारे कार्य संचालित किए जा रहे है.

वहीं बीजेपी के इस कार्यालय अदला-बदली को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर चुटकी ली है. पीसीसी संचार प्रमुख शैलेष नितिन त्रिवेदी का कहना है कि बीजेपी दोनों कार्यालय के बीच में घूम रही है. बीजेपी के नए कार्यालय में वास्तु सुधारने की कवायद जारी है लेकिन लोकसभा तक इसके पूरी होने की उम्मीद नहीं है. ऐसे में पुराने कार्यालय से ही चुनावी गतिविधियां संचालित होगी.

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